नई दिल्ली, आज गणतंत्र दिवस पर देश भर के कई लोगों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया जा रहा है. इन्हीं में से एक हैं उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के रहने वाले बाबू राम यादव. इन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा. 74 वर्षीय बाबू राम यादव को कला और शिल्प की श्रेणी में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
राम बाबू यादव को पीतल के बर्तनों पर जटिल और बढ़िया डिजाइन की कलाकृतियां बनाने में महारत हासिल है. पीतल कारीगरी में बाबू राम यादव का योगदान छह दशक पर शामिल है. उन्होंने कला को आगे बढ़ाने में उम्र का बड़ा हिस्सा लगा दिया. अब बाबू राम यादव की कला का सम्मान हुआ. बाबू राम यादव के योगदान को देखते हुए पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा जाएगा. उन्होंने अपनी कला का प्रदर्शन देश विदेश में किया है. पीतल के बर्तनों पर बाबू राम यादव की कलाकारी ने तारीफों के पुल बटोरे हैं.
बाबू राम यादव शिल्पकारों को पीतल के बर्तन पर कलाकारी की ट्रेनिंग देकर कला को जीवित रखे हुए हैं. शिल्प कौशल को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक हस्तांतरित करने के लिए प्रशिक्षण का आयोजन करते हैं. उन्होंने जीवन के महत्वपूर्ण वर्षों का शिल्प कला को आगे बढ़ाने में इस्तेमाल किया है. उन्होंने बताया कि आर्ट (क्राफ्ट-ब्रॉस) में बचपन से काम कर रहा हूं. उस वक्त मेरी उम्र 12-13 साल रही होगी. उन्होंने बताया कि शिल्प कला में पूरा परिवार शामिल रहा है. लेकिन कोरोना काल के बाद परेशानी का सामना करना पड़ा. बाबू राम यादव तीन बेटों के पिता हैं. तीनों बेटे पिता के काम में सहयोग करते हैं.