इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश सरकार के आधीन वर्षों से संविदा पर कार्यरत स्वास्थ्य सेवक सेविकाओं के लिये बड़ी खुशखबरी है। इस बड़ी खुशखबरी का कारण उनके पक्ष मे आया इलाहाबाद उच्च न्यायालय का फैसला है।
न्यायालय ने कहा है कि प्रशिक्षण के समय अर्हता पर ही स्वास्थ्य सेवकों को नियुक्ति में शामिल किया जाय। बाद में शैक्षिक योग्यता के आधार पर कार्रवाई न की जाय। न्यायमूर्ति एस आर मौर्या ने पिंकी सरकार और 140 अन्य स्वास्थ्य सेवकों की याचिका को स्वीकार करते हुए आज यह आदेश दिया है।
याचिका पर अधिवक्ता संतोष कुमार सिंह पालीवाल ने बहस की। सरकार ने पहले ही आयु सीमा में छूट दे रखी है। न्यायालय के आदेश से वर्षों से संविदा पर कार्यरत सेवक सेविकाओं को नियमित नियुक्ति पाने का रास्ता साफ हो गया है।