लखनऊ, उत्तर प्रदेश को अगले चार साल में एक ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के योगी सरकार के दावे को हवा हवाई करार देते हुये विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिये पेश किया बजट दिशाहीन है जिसमें न तो वर्तमान की समस्यायों का समाधान है और न ही भविष्य की योजनाओं को सुझाव है।
अखिलेश यादव ने मंगलवार को बजट पर चर्चा की शुरूआत करते हुये कहा कि प्रदेश की मौजूदा सरकार का यह सांतवां बजट है लेकिन सबका साथ,सबका विकास और रामराज लाने का दावा करने वाली सरकार यदि प्रदेश को वास्तव में विकास के पथ पर ले जाना चाहती है तो उसे समाजवादी सिद्धांत काे न केवल समझना होगा बल्कि उसका अनुसरण करना होगा।
उन्होने कहा कि 2017 में उनकी सरकार के कार्यकाल में प्रदेश की औसत विकास दर 12.25 फीसदी थी जबकि पिछले पांच छह सालों मे यह घट कर सात से आठ फीसदी के बीच रह गयी है। प्रदेश को एक ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिये सरकार को अगले चार साल में 34 फीसदी की विकास दर के लक्ष्य को हासिल करना होगा। सरकार के पिछले छह साल के ट्रैक रिकार्ड को देखते हुये यह हासिल करना नामुमकिन दिखता है। सरकार को यह बताना चाहिये कि 34 फीसदी की विकास दर के लक्ष्य को पाने के लिये उसके पास क्या योजनाये हैं। सरकार अपने बजट में वित्तीय वर्ष 23-24 में विकास दर को 19 फीसदी तक करने का दावा करती है। सरकार बताये कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिये उसकी क्या योजनये हैं। प्रदेश को एक ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने के लिये समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार का सहयोग करने के लिये तैयार खडी है।
अखिलेश यादव ने कहा कि हाल ही में हुयी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में 33 लाख करोड़ के करीब 19 हजार एमओयू पर हस्ताक्षर करने का दावा सरकार कर रही है मगर सभी एमओयू अभी हवा में तैर रहे हैं। निवेश हवा में ही हो रहा है। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री को उनके सलाहकार भ्रमित कर रहे हैं। सरकार को अपने आर्थिक सलाहकार को बदल देना चाहिये। मुख्यमंत्री को झूठ बताने के लिये एक वित्तीय कंपनी को आंकड़ों की बाजीगरी के लिये 200 करोड़ रूपये दिये जा रहे हैं। वित्तीय प्रबंधन के लिये सदियो से बनी संस्थाओं को धक्का मार कर सरकार ने डेलायट के साथ 200 करोड़ रूपये का करार किया।
उन्होने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार गरीबी के मामले में यूपी देश के 28 राज्यों की सूची में नीचे से चौथी पायदान पर है। भुखमरी समाप्त करने के मामले में नीचे से पांचवे स्थान पर है। यही हाल शिक्षा,बुनियादी ढांचे समेत अन्य क्षेत्रों में हैं।