नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले एक न्यूज चैनल के सर्वे में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सबसे बड़े दल के रूप में बहुमत की ओर बढ़ रही है। इस सर्वे के अनुसार, बहुजन समाज पार्टी दूसरे नंबर पर है, वहीं सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी तीसरे नंबर पर नजर आ रही है। कांग्रेस की इस सर्वे में भी हालात खस्ता है।
इस सर्वे (ओपिनियन पोल) के अनुसार, उत्तर प्रदेश की राजनीतिक रणभूमि में इस बार कमल खिलता दिख रहा है। संभावना है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में सामने आए। एक न्यूज चैनल के सर्वे के मुताबिक उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है तो वहीं बसपा दूसरे नंबर और सपा तीसरे नंबर की पार्टी बनकर सामने आई है। सर्वे के अनुसार भाजपा यूपी के सभी क्षेत्रों में अपेक्षाकृत बहुमत की ओर बढ़ रही है। उसे बसपा और सपा के मुकाबले ज्यादा वोटों का फायदा होता दिख रहा है।
सर्वे के अनुसार भाजपा को पूरे उत्तर प्रदेश में 31 फीसदी वोट और 170-183 सीटें हासिल हो सकती हैं। बसपा दूसरे नंबर पर 28 फीसदी वोटों के साथ बनी हुई है। इस सर्वे के मुताबिक बहुजन समाज पार्टी के खाते में 115 से 124 सीटें जा सकती है। हालांकि दोनों ही दल 403 सीटों की विधानसभा में बहुमत के लिए पर्याप्त आंकड़े से दूर हैं। जबकि सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के खाते में 94 से 103 सीटें जा सकती है।
सर्वे के मुताबिक, सत्तारूढ समाजवादी पार्टी को 94 से 103 सीटें मिलने की संभावना है जबकि प्रदेश में तेजी से प्रचार-प्रसार शुरू कर चुकी कांग्रेस को महज 08 से 12 सीटों से संतोष करना पड़ सकता है। निर्दलीय और अन्य को 02 से 06 सीटें मिलने की संभावना है। सर्वे करने वाली एजेंसी सी वोटर के मुताबिक यह सर्वे सर्जिकल स्ट्राइक के कुछ दिन पहले और इसके बाद की है। यह सर्वे यूपी के कुल 403 विधानसभा क्षेत्रों में लोगों से लिए गए इंटरव्यू के रैंडम सैंपल पर आधारित है।
सर्वे के अनुसार भाजपा को सबसे बड़ा फायदा उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से से मिलता दिख रहा है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में उसे 33 फीसदी वोट मिलता दिख रहा है। इस क्षेत्र में विधानसभा की 167 सीटें हैं। इस क्षेत्र में दूसरे नम्बर पर बसपा है जिसे 28 फीसदी सीट मिलने की बात कही जा रही है। सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी यहां तीसरे स्थान पर दिख रही है जिसे महज 22 फीसदी वोट मिलता दिखाया गया है। यह आंकड़ा उसके लिए भारी नुकसान वाला है क्योंकि पिछले चुनाव में उसे इस क्षेत्र से भारी बढ़त मिली थी।
प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र में भी भाजपा को भारी बढ़त मिलने की उम्मीद है। यहां हुए सर्वे में उसे 31 फीसदी वोट मिलने की बात कही गयी है। दूसरे नम्बर पर संयुक्त रूप से सपा-बसपा बनी हुई हैं। प्रदेश की 81 विधानसभा सीटों वाले मध्यक्षेत्र में समाजवादी पार्टी को मामूली बढ़त होती दिख रही है। उसे यहां सबसे ज्यादा यानी 29 फीसदी वोट मिलता दिख रहा है जबकि दूसरे नम्बर पर उसकी प्रतिद्वंद्वी बसपा है जिसे सपा से एक फीसद कम यानी 28 फीसदी वोट मिल रहा है।
उन्नीस विधानसभा सीटों वाले बुंदेलखंड क्षेत्र में बसपा को 34 फीसद वोट मिलने का अनुमान लगाया गया है। दूसरे नम्बर पर भाजपा को 32 फीसदी और सपा को महज 16 फीसदी वोट मिलने का अनुमान लगाया गया है। बुंदेलखंड में सपा के कमजोर प्रदर्शन के पीछे सपा की सूखे के दिनों में सही काम न करना बताया जा रहा है।
यूपी के मुख्यमंत्री के तौर पर पूर्व मायावती प्रदेश के लोगों के लिए मुख्यमंत्री के रूप में पहली पसंद हैं। उन्हें 31 फीसदी लोगों ने पसंद किया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को 27 फीसदी लोगों ने सीएम के तौर पर पसंद किया है जबकि बीजेपी के योगी आदित्यनाथ को 14 और गृहमंत्री राजनाथ सिंह को 18 फीसदी लोगों ने सीएम के रूप में पसंद किया है। हालांकि बीजेपी ने अभी तक यूपी में सीएम उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है। वहीं कांग्रेस की सीएम उम्मीदवार शीला दीक्षित 01 फीसदी और प्रियंका गांधी 02 फीसदी लोगों की पसंद हैं।
अगर मुस्लिम वोटों की बात करें तो 58 फीसदी मुसलमान वोटरों ने समाजवादी पार्टी का समर्थन किया। 21 फीसदी बसपा के पक्ष में और 04 फीसदी बीजेपी के पक्ष में हैं। कांग्रेस को 05 फीसदी मुसलमान वोटरों ने पसंद किया है। यूपी विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल अगले साल मार्च में समाप्त हो रहा और चुनाव जनवरी-फरवरी में होंगे।