लखनऊ, भारत सरकार द्वारा पूरे भारतवर्ष में अक्टूबर, 2014 से स्वच्छता मिशन चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत पूरे देश में अभियान चला कर स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जा रहा है ताकि महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार किया जा सके।
नाबार्ड भी भारत सरकार के इस अभियान में अपनी महति भूमिका निभा रहा है। नाबार्ड अपने विभिन्न विकासात्मक एवं संवर्धनात्मक पहलों के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में प्रयासरत है। इसी कड़ी में नाबार्ड ने “स्वच्छता से स्वालंबन” से संबन्धित एक अनूठी परियोजना की मंजूरी दी है। जिसका उद्घाटन आज दिनांक 21 सितम्बर 2021 को लखनऊ स्थित नाबार्ड के बर्ड कैम्पस में श्रीमती रेखा शर्मा, अध्यक्ष, राष्ट्रीय महिला आयोग, नयी दिल्ली द्वारा किया गया। कार्यक्रम के उदघाटन समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रदेश की महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती स्वाति सिंह, भी मौजूद थी। इसके अलावा इस कार्यक्रम में राज्य सरकार एवं नाबार्ड के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।
उद्घाटन के अवसर पर अपने स्वागत भाषण में नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. डी एस चौहान ने कार्यक्रम के बारे में बताते हुए कहा कि नाबार्ड अपने एसएचजी-बैंक लिंकेज कार्यक्रम के माध्यम से गत चार दशकों से ग्रामीण महिलाओं की भलाई एवं उत्थान के लिए कार्यरत है। नाबार्ड द्वारा ग्रामीण महिलाओं को जहां एक ओर स्वयं सहायता समूह के रूप मे संगठित कर उन्हे बैंकिंग परिधि में लाया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ उनके कौशल उन्नयन का भी कार्य किया जा रहा है।
नाबार्ड द्वारा अपने एलईडीपी, एमईडीपी कार्यक्रमों के तहत विभिन्न प्रकार के घरेलू उद्योगों से संबधित गतिविधियों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर उनमे उद्यमिता विकास किया जा रहा है। इसी कड़ी में नाबार्ड ने एक अनूठी परियोजना की मंजूरी दी है जिसके अंतर्गत 150 ग्रामीण महिलाओं को पर्यावरण-अनुकूल तरीके से निर्मित सैनिटरी नैपकिन का उत्पादन करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इस कार्यक्रम को ओलिव फाउंडेशन ट्रस्ट, हैदराबाद संचालित करेगा और इन महिला उद्यमियों द्वारा निर्मित सैनिटरी पैड के लिए बाय-बैक की व्यवस्था भी इसी ट्रस्ट द्वारा की जाएगी। यह अनुमान है कि इस परियोजना से जहां एक ओर इन उद्यमियों की आय में वृद्धि होगी वही दूसरी ओर महिलाओं की स्वच्छता और स्वास्थ्य को भी बढ़ावा मिलेगा।
विशिष्ट अतिथि के रूप में अपने सम्बोधन में श्रीमती स्वाति सिंह ने कहा कि महिला सशक्तिकरण उत्तर प्रदेश सरकार की भी प्राथमिकता रही है । राज्य में महिलाओं के उत्थान, खास कर ग्रामीण महिलाओं हेतु पूरे प्रदेश में ‘मिशन शक्ति कार्यक्रम’ का क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिससे महिलाओं की गरिमा, सुरक्षा एवं सशक्तिकरण को बढ़ावा मिल रहा है। जहाँ एक ओर इस मिशन के फलस्वरूप महिलाओं के लिए एक समान एवं समतामूलक समाज का निर्माण हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ, भारत सरकार के ‘स्वछ भारत अभियान’ के तहत भी महिलाओं के स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के ऊपर भी बल दिया जा रहा है ताकि उनका समग्र विकास सुनिश्चित हो। उन्होने कहा कि नाबार्ड द्वारा महिलाओ के विकास हेतु किए जा रहे प्रयास प्रशंसनीय हैं।
उदघाटन कार्यक्रम के दौरान अपने उद्बोधन में श्रीमती रेखा शर्मा ने कहा कि निरंतर विकास की ओर अग्रसर होने के लिए आर्थिक विकास, सामाजिक समावेश और पर्यावरण संरक्षण के तीन मुख्य तत्वों में सामंजस्य स्थापित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है. मासिक धर्म स्वच्छता महिलाओं के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण विकासात्मक मुद्दों में से एक है जिसका सामना आज भी महिलाओं को पूर्वाग्रहों के साथ करना पड़ता है. मासिक धर्म स्वास्थ्य और स्वच्छता हस्तक्षेप इन बाधाओं को दूर करने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं. इस कार्यक्रम के बारे में वार्ता करते हुए श्रीमती रेखा शर्मा ने कहा कि यह कार्यक्रम न केवल अपने सभी रूपों और आयामों में गरीबी और महिला मुक्ति के उन्मूलन में सहायक सिद्ध होगा, बल्कि यह निरंतर, समावेशी और समान आर्थिक विकास एवं समान सामाजिक विकास और समावेश को बढ़ावा देता है। नाबार्ड द्वारा महिलाओ के उत्थान के लिए किए जा रहे विभिन्न प्रयासो की चर्चा करते हुए उन्होने कहा कि भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत के सपनों को साकार करने में आत्मनिर्भर महिला की महत्वपूर्ण भागीदारी होगी जिसमे नाबार्ड की अहम भूमिका होगी। कार्यक्रम में करीब स्वयं सहायता समूहों की 150 महिलाओं ने भाग लिया एवं अपने अनुभवों को साझा किया।