कुशीनगर, उत्तर प्रदेश में कुशीनगर के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक जटाशंकर तिवारी की पहल पर महराजगंज जिले के दुर्गम क्षेत्र में स्थित आठ गांवों को जल्द ही कुशीनगर में शामिल किया जायेगा।
गंडक नदी के उस पार के महराजगंज जिले के आठ ऐसे गांव हैं, जहां के ग्रामीणों को अपनी ही तहसील या जिला मुख्यालय जाने में दुर्गम रास्तों से 70-80 किलोमीटर दूरी तय करनी पड़ती है। इन गांवों की करीब 20 हजार आबादी के लिए ढंग के रास्ते नहीं है। उन्हें बिहार और कुशीनगर के खड्डा तहसील क्षेत्र से होकर अपने तहसील या जिला मुख्यालय आना-जाना पड़ता है। इन गांवों के लोग बाढ़ से भी जूझते हैं।
ग्रामीणों की समस्या के बारे में खड्डा विधायक जटाशंकर त्रिपाठी ने शासन-प्रशासन को अवगत कराया। उन्होंने इन गांवों को खड्डा तहसील में शामिल कराने की मांग की। उनकी इस पहल की संस्तुति करते हुए जिलाधिकारी ने आयुक्त एवं सचिव, राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश शासन को पत्र भेजा है।
खड्डा विधानसभा क्षेत्र के खड्डा तहसील के राजस्व ग्राम शिवपुर, मरचहवा, नरायनपुर, हरिहरपुर और बसंतपुर गंडक नदी के उस पार रेता क्षेत्र में स्थित हैं। इन गांवों से सटे महराजगंज जिले के निचलौल तहसील क्षेत्र के सोहगीबरवां, कपरधिक्का, नरसिंहपुर, शिकारपुर, बकुलहिया, खुटहवां, बनसप्ती एवं भौतहां स्थित हैं। यह सभी राजस्व गांव जिला और तहसील मुख्यालय से काफी दूर होने के साथ वहां तक पहुंचने में भौगोलिक रूप से रास्ता अत्यंत ही दुर्गम और जटिल है। प्रत्येक वर्ष गंडक नदी की बाढ़ से इन गांवों के लोग प्रभावित रहते हैं। बाढ़ एवं अन्य दैवीय आपदाओं के समय राहत व बचाव कार्य तथा शासन की ओर से चलाई जा रही जनहित की योजनाओं को क्रियान्वित करने में कठिनाई होती है। बहरहाल, अब इन आठ गांवों के लगभग 20 हजार आबादी के दिन बहुरने की उम्मीद जग गई है।
इस संबंध में जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने कहा कि महराजगंज जिले की निचलौल तहसील के आठ गांव ऐसे हैं, जहां के लोगों को तहसील या ब्लॉक मुख्यालय जाने के लिए बिहार और कुशीनगर की खड्डा तहसील होते हुए 70-80 किलोमीटर दूरी तय करनी पड़ती है। उन्हें जाति, आय, निवास प्रमाणपत्र बनवाना हो या किसी जरूरत से आना-जाना हो तो काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
खड्डा के विधायक जटाशंकर ने ऐसे लोगों की पीड़ा समझी और उन गांवों को कुशीनगर की खड्डा तहसील में शामिल करने का प्रस्ताव दिया। हमने खुद उन क्षेत्रों को देखा है, ऐसे दुर्गम क्षेत्रों के लोगों के लिए खड्डा आना ज्यादा सुगम है। इसलिए उन आठ गांवों को खड्डा तहसील में शामिल करने की संस्तुति कर शासन को भेज दी है। शासन स्तर से कुछ औपचारिकताएं बाकी हैं। उसके बाद उन आठ गांवों की लगभग 20 हजार आबादी की समस्याएं सुलझ जाएंगी।
विधायक जटाशंकर त्रिपाठी ने कहा कि निचलौल तहसील क्षेत्र के सोहगीबरवां, कपरधिक्का, नरसिंहपुर, शिकारपुर, बकुलहिया, खुटहवां, बनसप्ती एवं भौतहां गांव के लोग अपने ही तहसील और जिला मुख्यालय नहीं जा पाते। आवागमन से लेकर सरकारी सुविधाओं के लाभ से वंचित हो जाते हैं। वहां के लोगों की पीड़ा दूर कराने के लिए दो साल से प्रयास कर रहे हैं। कुशीनगर के डीएम, गोरखपुर के कमिश्नर और शासन स्तर पर कई बार प्रयास की देन है कि अब वह आठ गांव खड्डा तहसील में शामिल होने जा रहे हैं।