योगी मंत्रिमंडल में जगह बनाने मे चूके दिग्गज

carभदोही,  उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री रुप में हिंदुत्व और उसकी पालटिक्स के ब्रांड योगी आदित्यनाथ ने कमान संभाल लिया। इस दौरान डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा को छोड़ कर कैबिनेट और स्वतंत्र प्रभार के कुल 47 मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। लेकिन दुनिया भर में नक्काशीदार बूलबूटेदार कानीलों के लिए मशहूर भदोही जिले से किसी विधायक को लालबत्ती नहीं नसीब हो पायी। यह बात जिले के लोगों को खल रही है।

14 साल पूर्व जब राजनाथ सिंह मुख्यमंत्री थे तो यहां से रंगनाथ मिश्र को गृहराज्यमंत्री की कमान मिली थी। बसपा सरकार में भी वह मंत्री रहे। जबकि मोदी लहर में यहां सपा से सूपड़ा साफ हो गया। समझा जा रहा था कि दलित राजनीति के प्रतीक दीनानाथ भाष्कर को योगी मंत्रीमंडल में जगह मिलेगी, वह पूर्व में मंत्री भी रह चुके हैं लेकिन ऐसा नहीं हुआ। समाजवादी पार्टी की अखिलेश सरकार में भी यहां से किसी को भी बालबत्ती नहीं नसीब हुई थी। जबकि भदोही जिले की तीनों विधानसभा सीटों औराई, ज्ञानपुर और भदोही से समाजवादी पार्टी के विधायक जीते थे। ज्ञानपुर के बाहुबली विधायक विजय मिश्र को भी मंत्री की कुर्सी नहीं नसीब हो पायी। भाजपा तीन विधानसभा सीटों में दो पर कामयाबी हासिल की जबकि ज्ञानपुर से निषाद पार्टी से विजय मिश्र का जलवा कामय रहा वह चौथी बार यहां से विधायक चुने गए। भदोही से रविंद्रनाथ त्रिपाठी और औराई सुरक्षित से दीनानाथ भाष्कर को जीत मिली है। दीनानाथ भाष्कर दलित राजनीति के प्रमुख चेहरों में एक हैं।

समझा जा रहा था की 2019 को ध्यान में रखते हुए भाजपा पूर्वमंत्री दीनानाथ भाष्कर को लालबत्ती सौंप सकती हैं लेकिन लोगों को निराशा हाथ लगी है। जबकि भाष्कर काफी अनुभवी नेता हैं। समाजवादी पार्टी में उन्हें अनुसूचित एंव जनजाति आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था। इसके अलावा बसपा में भी वह स्वास्थ्य मंत्री रहे। पूर्वांचल की दलित राजनीति में वह प्रमुख चेहरे हैं। फिलहाल अभी जगह नहीं मिली है लेकिन योगी मंत्रीमंडल विस्तार में भाष्कर को राजनैतिक लिहाज से मंत्री बनाया जा सकता है या फिर दूसरी अहम जिम्मेदारी सौंपी जा सकती हैं। सपा सरकार में भी भदोही से जहां किसी को लालबत्ती नहीं मिली थी। वहीं तीनों विधायकों में आयोग की कमान भी नहीं सौंपी गयी थी। जबकि सपा से एक महिला विधायक मधुबाला पासी यहां से जीत हासिल की थी। हलांकि सभी जिले को लाबत्ती संभव नहीं दिखती हैं क्योंकि पार्टी को 325 का बड़ा बहुमत मिला है। मंत्रीमंडल में सोशलइंजीनियरिंग साफ दिखती है।

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