लखनऊ, उत्तर प्रदेश सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिये 7301.52 करोड़ रूपये का पहला अनुपूरक बजट विधानसभा के पटल पर रखा।
सूबे के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बुधवार को अनुपूरक अनुदान के प्रस्तावों को सदन के पटल पर रखते हुये कहा कि सरकार ने 2021-22 के लिये करीब पांच लाख 60 हजार करोड़ रूपये बजट पिछली फरवरी में पेश किया था। अनुपूरक बजट इसका 1.33 फीसदी है जिसका उपयोग जल्द पूरा की जाने वाली जनकल्याणकारी योजनाओं और अधूरी पड़ी परियोजना को पूरा करने के लिये किया जायेगा।
उन्होने कहा कि अनुपूरक बजट की कुल धनराशि का करीब तीन हजार करोड़ रूपये की व्यवस्था युवाओं के लिये रोजगार उपलब्ध कराने के लिये की गयी है जबकि शेष धनराशि से अंबेडकर स्मारक का निर्माण, सांस्कृतिक केन्द्र का निर्माण,गोवंश का रखरखाव, गन्ना किसानों का भुगतान और अधिवक्ताओं के लिए सामाजिक सुरक्षा निधि और मूलभूत ढांचे के रखरखाव और निर्माण समेत अन्य कार्यों को पूरा करने के लिये किया जायेगा।
श्री खन्ना ने कहा कि पिछले साढ़े चार साल में उनकी सरकार ने जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के कई रिकार्ड स्थापित किये है जबकि कई पुराने कीर्तिमानों काे ध्वस्त कर नये आयाम स्थापित किये है। अनुपूरक बजट को पेश करने से पहले नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने महंगाई पर चर्चा कराने की मांग विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित से की जिस पर श्री दीक्षित ने नेता प्रतिपक्ष को नियम 115 को पढ़ने की सलाह दी जिसके अनुसार विषयों का क्रम बदलने की अनुमति देने का प्रावधान नहीं है।
इससे पहले सदन की कार्यवाही 11 बजे शुरू होते ही विपक्षी दलों ने महंगाई पर चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि पेट्रोल डीजल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। लोगों को खाने के लाले पड़े हैं। इसलिये सदन में सबसे पहले महंगाई पर चर्चा होनी चाहिए।
इसपर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि विपक्ष जानबूझ कर सदन की कार्यवाही में बाधा डालना चाहता है। उन्होने कहा कि कोरोना के कठिन समय के दौरान सरकार गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न का वितरण कर रही है। पेट्रोल और डीजल के कीमते देश के अन्य राज्यों की तुलना में काफी कम हैं।
हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्षी दलों के सदस्यों को समझाने की कोशिश की और नहीं मानने पर सदन की कार्यवाही 40 मिनट के लिए स्थगित कर दी। 1220 बजे सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर वित्त मंत्री ने अनुपूरक अनुदानों को पेश किया।