हैदराबाद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को यहां डंडीगल स्थित वायुसेना अकादमी में उड़ान और ग्राउंड ड्यूटी शाखाओं के 25 महिला कैडेट समेत 213 फ्लाइट कैडेटों की संयुक्त स्नातक परेड (सीजीपी) की समीक्षा की।
परेड ने भारतीय वायु सेना की विभिन्न शाखाओं में उनके एक साल के कठोर प्रशिक्षण की परिणति को चिह्नित किया। स्नातक अधिकारियों में 25 महिलाएं शामिल थीं जिन्हें भारतीय वायुसेना की विभिन्न शाखाओं में नियुक्त किया गया था। भारतीय नौसेना के आठ अधिकारियों, भारतीय तटरक्षक बल के नौ और मित्र देशों के दो अधिकारियों को भी उनके उड़ान प्रशिक्षण के पूरा होने के बाद ‘विंग्स’ से सम्मानित किया गया।
श्री सिंह ने नवनियुक्त अधिकारियों को बधाई दी और उनके बेदाग प्रदर्शन, सटीक ड्रिल चाल और परेड के उच्च मानकों के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने किसी भी परिस्थिति में नए विचारों, नवीन सोच और आदर्शवाद के प्रति अपना खुलापन नहीं खोने का आग्रह किया।
रक्षा मंत्री ने अधिकारियों से सशस्त्र बलों में परंपरा को उचित महत्व देने का आह्वान करते हुए इसे समय-परीक्षित बताया; लेकिन बताया कि यदि बिना सोचे-समझे लंबे समय तक परंपरा का पालन किया जाता है, तो प्रणाली में “जड़ता या अस्थिकरण” की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
उन्होंने जोर दिया कि किसी विषम स्थिति से बचने और लगातार बदलते समय के साथ तालमेल बिठाने के लिए कुछ नया करने की जरूरत है।
परंपरा और नवीनता के बीच संतुलन बनाने को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा, “अगर हम केवल परंपरा का पालन करेंगे तो हम एक मृत झील की तरह होंगे। हमें बहती नदी की तरह बनना होगा। इसके लिए हमें परंपरा के साथ-साथ नवीनता भी लानी होगी। उड़ते रहें और अधिक से अधिक ऊंचाइयों को छूएं , लेकिन जमीन से अपना जुड़ाव बनाए रखें।”
इससे पहले वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने रक्षा मंत्री का स्वागत किया। परेड में उन्हें सामान्य सलामी दी गई और उसके बाद प्रभावशाली मार्च पास्ट किया गया। परेड का मुख्य आकर्षण ‘कमीशनिंग समारोह’ था जिसमें स्नातक फ्लाइट कैडेटों को राजनाथ द्वारा उनकी ‘स्ट्राइप्स’ से सम्मानित किया गया। इसके बाद अकादमी के कमांडेंट ने स्नातक अधिकारियों को ‘शपथ’ दिलायी। रक्षा मंत्री ने प्रशिक्षण के विभिन्न विषयों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रशिक्षुओं को विभिन्न पुरस्कार भी प्रदान किये। उड़ान शाखा के फ्लाइंग ऑफिसर अतुल प्रकाश को पायलट पाठ्यक्रम में समग्र योग्यता क्रम में प्रथम स्थान पाने के लिए राष्ट्रपति पट्टिका और वायु सेना प्रमुख स्वोर्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया। फ्लाइंग ऑफिसर अमरिंदर जीत सिंह को ग्राउंड ड्यूटी शाखाओं के बीच योग्यता के समग्र क्रम में प्रथम स्थान पाने के लिए राष्ट्रपति पट्टिका से सम्मानित किया गया।
परेड का समापन नये कमीशन प्राप्त अधिकारियों द्वारा रवीन्द्रनाथ टैगोर के ‘आनन्दलोके’ के स्वरों के साथ धीमी गति से दो स्तम्भों में मार्च करने के साथ हुआ।