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अमेरिका मे भी उठी, आरक्षण की मांग, जानिये क्या है प्रोजेक्ट “हाफ इनशियेटिव”

लॉस एंजिल्स, अमेरिका में नस्ली अल्पसंख्यकों से लेकर, महिलाओं तक ने हालीवुड मे उन्हे पर्याप्त प्रतिनिधित्व न मिलने को लेकर चिंता जताई और अपने लिये आरक्षण की मांग की है.

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 नस्ली अल्पसंख्यकों की अमेरिका में आबादी 40 फीसदी है लेकिन अगर बात हॉलीवुड के प्रोड्यूसरों की हो तो उनकी हिस्सेदारी महज 10 फीसदी ही रह जाती है. इसी तरह से महिलाओं के लिए भी, जो यहां की आबादी में तो आधी हैं लेकिन प्रोड्यूसरों के बीच उनकी हिस्सेदारी केवल 10 फीसदी है.

महिलाओं को मौका देने से पहले यही कहा जाता है कि फिल्म का निर्देशन करने से पहले उन्हें खूब काम करना चाहिए जबकि  पुरुष निर्देशकों के लिये केवल एक शॉर्ट फिल्म की शूटिंग करना ही काफी होता है. टीवी समीक्षकों की संस्था टेलीविजन क्रिटिक्स एसोसिएशन (टीसीए) के एक सम्मेलन में, सात निर्देशकों के पैनल में मौजूद निर्देशक रासेल गोल्डबर्ग ने भी इस बात से सहमति जताई.

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पैनल के सदस्यों ने महिलाओं को काम न देने के लिए बनाये जा रहे बहानों के बारे में कहा कि अकसर ये कहकर टाल दिया जाता है कि हमें आपकी जरूरत तब है जब आप पहले एक बार काम कर चुके हैं. हम आपका पहला काम नहीं हो सकते हैं. सम्मेलन में मैगी किली ने कहा, “मैं कभी नहीं चाहती कि मुझे महिला होने के नाते काम मिले लेकिन इस वक्त मुझे लगता है कि शायद कुछ आरक्षण की जरूरत है.”

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पैनल में शामिल मीरा मेनन का कहना है, “आरक्षण जरूरी है ताकि महिलाओं को पहला काम मिल सके और जिससे यहां की संस्कृति बदल सके, लोग महिला निर्देशकों को देखने की आदत डाल सकें.”

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 एफएक्स की सीरिज प्रोड्यूसर रेयान मर्फी ने अल्पसंख्यकों और महिलाओं के प्रतिनिधित्व की दिशा मे बड़ा काम किया है. उन्होने पिछले साल “हाफ इनशियेटिव” नाम से एक प्रोजेक्ट शुरू किया जिसका लक्ष्य है कम से काम आधे अल्पसंख्यकों और आधी महिला निर्देशकों को हायर करना. यह योजना शुरू होने के बाद से महिला निर्देशकों की संख्या में काफी सुधार आया है. 2915 में ये आंकड़ा जहां 12 फीसदी था वहीं पिछले साल यह 51 फीसदी पर पहुंच गया.