नई दिल्ली, पुणे में एक निर्माणाधीन इमारत में हुई दुर्घटना में बिहार के नौ श्रमिकों की मौत हो जाने का मुद्दा आज राज्यसभा में उठा और जदयू के एक सदस्य ने पीडित के परिवारों को 10-10 लाख रूपए का मुआवजा दिए जाने की मांग की। शून्यकाल में जदयू नेता शरद यादव और उनकी ही पार्टी के अली अनवर अंसारी ने यह मुद्दा उठाया। शरद यादव ने कहा कि देश में बेरोजगारी की स्थिति काफी गंभीर हो गई है और श्रम कानून अप्रभावी हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर जगह ठेके पर श्रमिकों की नियुक्ति की जा रही है। कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार ने हर साल दो करोड़ रोजगार देने का वादा किया था और उसे अपना वादा पूरा करना चाहिए। अंसारी ने पुणे की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि सभी पीडित बिहार के समस्तीपुर जिले के थे। उन्होंने कहा कि वहां अवैध निर्माण हो रहा था। उन्होंने मांग की कि सभी पीड़ितों के परिवार को 10-10 लाख रूपए का मुआवजा दिया जाना चाहिए। उन्होंने जेद्दा में बिहार के 700 लोगों के फंसे होने का भी मुद्दा उठाया और कहा कि उनके नियोक्ताओं ने महीनों से वेतन नहीं दिया है जिससे वे लोग खाना तक के लिए मोहताज हो गए हैं। उन्होंने बेरोजगारी को जड़ से दूर करने की जरूरत पर बल दिया।