राष्ट्रपति पुतिन दिल्ली पहुंचे, प्रधानमंत्री मोदी ने हवाई अड्डे जाकर किया स्वागत

नयी दिल्ली, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत-रूस शिखर बैठक में शामिल होने के लिए गुरुवार शाम यहां पहुंचे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी परंपरा से हटकर हवाई अड्डे गये और वहां श्री पुतिन की अगवानी की। उन्होंने गर्मजोशी के साथ श्री पुतिन का स्वागत किया। दोनों नेताओं ने पहले हाथ मिलाया और फिर गले मिले। हवाई अड्डे से दोनों नेता एक ही कार में प्रधानमंत्री आवास पहुंचे जहां श्री मोदी ने उनके सम्मान में रात्रि भोज का आयोजन किया।बाद में श्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अंग्रेजी और रूसी भाषा में पोस्ट किया, “भारत और रूस की दोस्ती समय की कसौटी पर खरी उतरी है। इससे दोनों देशों के लोगों को बहुत फायदा हुआ है।” उन्होंने कहा कि श्री पुतिन का स्वागत करते हुए खुशी हुई। गुरुवार रात और शुक्रवार को उनके साथ बातचीत होगी।
प्रधानमंत्री ने इस पोस्ट के साथ रूसी राष्ट्रपति के स्वागत की कुछ तस्वीरें भी साझा की हैं।
श्री पुतिन का शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया जायेगा। वहां से वह सीधे राजघाट जायेंगे और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
रूसी राष्ट्रपति की भारत यात्रा चार वर्ष के अंतराल पर हो रही है। मौजूदा भू-राजनैतिक परिदृश्य में यह यात्रा काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
श्री पुतिन शुक्रवार को 23वीं भारत रूस वार्षिक शिखर बैठक में श्री मोदी के साथ वार्ता करेंगे। बैठक में सुखोई-57 लड़ाकू विमानों के सौदे, एस-400 रक्षा प्रणाली, तेल खरीद समेत कई मुद्दों पर बातचीत होगी। दोनों नेता परस्पर हित के मुद्दों के साथ-साथ वैश्विक महत्व के मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा करेंगे। भारत रूस के साथ व्यापार घाटे को कम करने में उसकी प्रतिबद्धता चाहता है।
श्री पुतिन से पहले ही एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल यहां पहुंच चुका है जिसमें रूस के कई मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी और शीर्ष कारोबारी शामिल हैं।
हैदराबाद हाउस में होने वाली शिखर बैठक के बाद श्री पुतिन और श्री मोदी संयुक्त प्रेस वक्तव्य भी देंगे।
बाद में श्री पुतिन एक बिजनेस कार्यक्रम में भी शामिल होंगे। इसमें दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने के उपायों पर चर्चा होगी।
शाम को राष्ट्रपति मुर्मु श्री पुतिन के सम्मान में रात्रि भोज का आयोजन करेंगी। रात्रि भोज के बाद शुक्रवार रात ही रूसी राष्ट्रपति स्वदेश रवाना हो जायेंगे।
अमेरिका द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत आयात शुल्क लगाये जाने की घोषणा के बाद उत्पन्न स्थिति और घटनाक्रमों के बीच श्री पुतिन की इस यात्रा को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।





