नयी दिल्ली , उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग न गठित करने के मामले में कैबिनेट सचिव और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सचिव को आज नोटिस जारी किया।
मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह केहर की अध्यक्षता वाली तथा न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ ने सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता तथा शीर्ष अदालत के अधिवक्ता राधाकांत त्रिपाठी की ओर से दायर अदालत की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुये दोनों सचिवों से जवाब तलब किया। त्रिपाठी ने अपनी याचिका में आयोग के गठन में सरकार की निष्क्रियता, उपेक्षा और विफलता का उल्लेख करते हुये इसे एक गंभीर मुद्दा बताया और इसके तत्काल निस्तारण पर बल दिया।
याचिका में कहा गया कि आयोग के पदों को दो महीने के भीतर भरे जाने संबंधी शीर्ष अदालत के 25 नवंबर 2016 को जारी आदेश के बावजूद आयोग में सारे पद खाली रहे। याचिकाकर्ता ने कहा कि सफाई कर्मचारियों की भलाई के बिना श्स्वच्छ भारत अभियान, एक मृगतृष्णा की भांति है तथा बुनियादी मानवाधिकारों और संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन भी है।