लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अग्निवीर भर्ती रैली को लेकर युवाओं में खासा उत्साह देखा गया। 16 नवंबर से शुरु होकर बुधवार को समाप्त हुयी रैली में 940 अभ्यर्थियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी।
रैली के समापन सत्र में मुख्यालय भर्ती जोन के जोनल भर्ती अधिकारी मेजर जनरल मनोज तिवारी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भर्ती कार्यालय (मुख्यालय), लखनऊ के एओआर के तहत 16 नवंबर को शुरू हुई इस रैली में लगभग 1300 अभ्यर्थियों को कॉल अप किया गया था जिनमें से लगभग 940 अभ्यर्थी उपस्थित रहे।
उन्होने अग्निपथ योजना के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि इस योजना पर प्रारंभिक आशंकाओं को व्यापक आउटरीच कार्यक्रमों के साथ कम कर दिया गया है। गतिशील अग्निपथ योजना के बारे में उन्होने कहा कि जहां एक व्यक्ति नामांकित होने के बाद, राष्ट्र की सेवा करता है, अपने शिक्षा मानकों को बढ़ाता है और यदि बरकरार नहीं रहता है, तो बाहर करियर के लिए तैयार रहता है।
जनरल ऑफिसर ने बताया कि रैलियों का संचालन बिना किसी पक्षपात के बिल्कुल पारदर्शी और निष्पक्ष है, इसलिए उम्मीदवारों को दलालों अथवा एजेंटों का शिकार नहीं बनना चाहिए और प्रतिबंधित दवाओं या प्रदर्शन बढ़ाने वाली दवाओं के उपयोग से बचना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के पास कोई एजेंट नहीं है और यदि कोई ऐसा व्यक्ति किसी से संपर्क करता है, तो मामले की सूचना निकटतम सेना भर्ती कार्यालय या नागरिक पुलिस को दी जानी चाहिए। इसके बाद 27 और 28 नवंबर को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के लिए अग्निवीर महिला सैन्य पुलिस भर्ती रैली आयोजित की जाएगी ।