लखीमपुर खीरी, लखीमपुर के तिकुनिया क्षेत्र में पिछले रविवार हुयी हिंसा के मामले में नामजद मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा उर्फ मोनू शनिवार को पुलिस लाइन में अपराध शाखा की टीम के सामने पेश हुआ।
पुलिस टीम के नेतृत्व कर रहे उप महानिरीक्षक उपेन्द्र अग्रवाल ने आशीष से पूछताछ शुरू कर दी है जो कई घंटो तक चलने की संभावना है। अपराध शाखा के अधिकारियों ने आशीष को सुबह 11 बजे हाजिर होने के निर्देश दिये थे लेकिन वह 25 मिनट पहले ही पत्रकारों को चकमा देते हुये दूसरे गेट से पुलिस लाइन में प्रवेश कर गया था। सफेद कुर्ता पाजामा में आये आशीष ने पत्रकारों के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया।
इससे पहले आशीष को शुक्रवार सुबह 10 बजे पेश होने के निर्देश दिये गये थे लेकिन स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुये उसने आने से मना कर दिया। इसके बाद अपराध शाखा ने उसे दूसरा समन भेजा जिसमें उसे आज 11 बजे पेश होने के लिये कहा गया था। रविवार को हुयी हिंसा में चार किसानो समेत आठ लोगों की मौत हो गयी थी जिसके बाद किसानों के पक्ष से आशीष समेत 14 के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गयी थी।
केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी शुक्रवार रात ही लखीमपुर वापस लौट आये थे जहां उन्होने अपने कार्यालय में समर्थकों के साथ बैठक की। अजय मिश्र पहले ही कह चुके है कि उनका पुत्र आशीष निर्दोष है। इस मामले में पुलिस ने आशीष के नजदीकी दो लोगों को अब तक गिरफ्तार किया है।
श्री मिश्र ने कहा था कि उनका पुत्र कहीं नहीं छिपा है और न ही फरार है। इससे पहले कहा जा रहा था कि आशीष नेपाल भाग सकता है। आशीष के मित्र सुमित जायसवाल ने इस मामले में क्रास एफआईआर दर्ज करायी है। किसानो को रौंदे जाने की घटना के बाद आक्रोशित भीड़ ने कार चालक समेत चार लोगों की पीट पीट कर हत्या कर दी थी। इस दौरान सुमित ने जीप से उतरने के बाद भाग कर जान बचायी थी। आशीष का एक और सहयोगी अंकित दास को पुलिस तलाश कर रही है।