धर्मशाला, भारतीय कप्तान विराट कोहली टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण के बाद कुछ समय के लिये भारतीय अंतिम एकादश में जगह नहीं बना पाये थे लेकिन जब उन्होंने वापसी की तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा और अब तक लगातार 54 टेस्ट मैच खेल चुके हैं। कोहली की कंधे की चोट के कारण आस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू होने वाले चौथे और अंतिम टेस्ट मैच में खेलने को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। कोहली का अभी फिटनेस परीक्षण होगा और कल सुबह ही उनके खेलने पर फैसला किया जाएगा।
उन्होंने भी साफ किया है कि वह शत प्रतिशत फिट होने की स्थिति में ही खेलेंगे। कोहली ने टेस्ट क्रिकेट में 20 जून 2011 को वेस्टइंडीज के खिलाफ सबीना पार्क किंग्सटन में पदार्पण किया था। इस दौरे तीन मैचों की पांच पारियों में उन्होंने 15-20 की औसत से 76 रन बनाये थे। उन्हें उसके तुरंत बाद इंग्लैंड दौरे के लिये टीम में चुना तो गया लेकिन वह चार मैचों में से किसी में भी नहीं खेल पाये। यही नहीं वेस्टइंडीज की टीम जब वर्ष 2011 के आखिर में भारत दौरे पर आयी तब कोहली पहले दो टेस्ट मैचों में नहीं खेल पाये थे।
उन्होंने आखिर में मुंबई में 22 नवंबर 2011 से शुरू हुए तीसरे टेस्ट मैच में वापसी की तथा 52 और 63 रन की दो अर्धशतकीय पारियां खेली। इसके बाद दिल्ली के इस बल्लेबाज ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और तब से वह लगातार टेस्ट टीम का हिस्सा बने हुए हैं। कोहली अब तक लगातार 54 टेस्ट मैच खेल चुके हैं जिनमें उन्होंने 51-40 की औसत से 4421 रन बनाये हैं। उन्होंने अपने सभी 16 शतक और 14 अर्धशतक टीम में वापसी के बाद ही लगाये हैं। भारत की तरफ से लगातार सर्वाधिक टेस्ट खेलने का रिकार्ड सुनील गावस्कर (106 मैच) के नाम पर है और कोहली उन 11 भारतीय खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्होंने 50 या इससे अधिक टेस्ट मैच लगातार खेले हैं।