गोरखपुर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि विदेशों में फंसे लोगों की वापसी कराई जाएगी और इसके लिए अधिकारियों को निर्देशित किया कि दूतावास से संपर्क कर जरूरी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री गोरखपुर प्रवास के दौरान दूसरे दिन रविवार सुबह जनता दर्शन में लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं। जनता दर्शन में देवरिया व कुशीनगर से कुछ महिलाओं ने अपने परिजनों के थाइलैंड, ओमान आदि देशों में फंसे होने की जानकारी देकर उनकी वतन वापसी की गुहार लगाई। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि चिंता मत करिए और विदेशों में फंसे लोगों की वापसी कराई जाएगी जिससके लिए उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि दूतावास से संपर्क कर जरूरी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
गोरखनाथ मंदिर परिसर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन के सामने आयोजित जनता दर्शन में कुर्सियों पर बैठाए गए लोगों तक मुख्यमंत्री खुद पहुंचे और एक.एक करके सबकी समस्याएं सुनीं। इस दौरान करीब 200 लोगों से मुलाकात कर उन्होंने सबको आश्वस्त किया कि सबकी समस्या का निस्तारण कराना उनकी प्रतिबद्धता है।
उन्होंने सबके प्रार्थना पत्रों को संबंधित अधिकारियों को संदर्भित करते हुए त्वरित और संतुष्टिपरक निस्तारण का निर्देश देने के साथ लोगों को भरोसा दिलाया कि सरकार हर पीड़ित की समस्या का समाधान कराने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दो टूक हिदायत भी दी कि हर पीड़ित के साथ संवेदनशील व्यवहार अपनाते हुए उसकी मदद की जाए। किसी की जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले, कमजोरों को उजाड़ने वाले किसी भी सूरत में बख्शे न जाएं और उनके खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी दबंग, माफिया, अपराधी किसी की जमीन पर कब्जा न करने पाए और आपराधिक मामलों में प्राथमिकी दर्ज कर अभियुक्तों की गिरफ्तारी की जाए।
मुख्यमंत्री के समक्ष जनता दर्शन में कई लोग इलाज के लिए आर्थिक सहायता की गुहार लेकर पहुंचे थे। योगी ने उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार इलाज के लिए भरपूर मदद करेगी। उनके प्रार्थना पत्रों को अधिकारियों को हस्तगत करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि इलाज से जुड़ी इस्टीमेट की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूर्ण करा कर शासन में उपलब्ध कराया जाए।
जनता दर्शन में कुछ महिलाओं के साथ उनके बच्चे भी आए थे। मुख्यमंत्री ने उन्हें दुलारकर आशीर्वाद दिया। उनका नाम और स्कूल जाने के बारे में पूछा। उन्हें अपने हाथों से चॉकलेट गिफ्ट करते हुए खूब पढ़ने के लिए प्रेरित किया।