नई दिल्ली, महिलाओं के उत्पीड़न और धोखाधड़ी को रोकने के लिए वैवाहिक वेबसाइटों का नियमन करने के सरकार के फैसले की राष्ट्रीय महिला आयोग ने सराहना की है। जिसने माता-पिताओं तथा भावी दुल्हनों को वेबसाइट और दूल्हे दोनों के पिछले रिकॉर्ड की जांच करने के लिए आगाह किया है। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष ललिता कुमार मंगलम ने कहा है कि परामर्श सिर्फ शुरुआत है और लोगों में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है जिससे कि वे अपने अधिकारों को जान सकें तथा गड़बड़ी करने वाली वेबसाइटों के खिलाफ सामने आने को उत्साहित हो सकें। उन्होंने कहा कि अब, जागरूकता पैदा की जानी है, ताकि लोग अपने अधिकारों और वेबसाइटों के दायित्वों को जान सकें। इसके साथ ही, शिकायतें करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए जिससे कि इस तरह के सेवा प्रदाता अनुपालन के लिए विवश हों। दूरसंचार मंत्रालय द्वारा अनुमोदित परामर्श वैवाहिक वेबसाइटों के लिए यह आवश्यक बनाता है कि वे उपयोगकर्ताओं के प्रमाणीकरण के उद्देश्य के लिए उनसे पहचान के सबूत की वास्तविक प्रति जमा करने को कहें। नए नियमों में यह भी जरूरी किया गया है कि वेबसाइट एक साल तक उपयोगकर्ता का आईपी एडरेस और एक्सेस लॉग्स सरुक्षित रखें और यह घोषणा करें कि साइट पूरी तरह वैवाहिक उद्देश्य के लिए है, न कि डेटिंग के लिए।