मुंबई, अमेरिकी राष्ट्रपति डाेनाल्ड ट्रंप के टैरिफ पर नरम रुख के संकेत से विश्व बाजार में आई तेजी से उत्साहित निवेशकों की स्थानीय स्तर पर हुई चौतरफ लिवाली से आज शेयर बाजार ने करवट बदली और बीते दिन की भारी बिकवाली की सुनामी से उबरकर करीब डेढ़ फीसदी तक की छलांग लगाई।
बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1089.18 अंक अर्थात 1.49 प्रतिशत की जबरदस्त तेजी के साथ 74,227.08 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 374.25 अंक यानी 1.69 प्रतिशत उछलकर 22535.85 अंक पर बंद हुआ। हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ लागू करने और चीन की जवाबी कार्रवाई से वैश्विक स्तर पर व्यापार युद्ध गहराने और अमेरिका में मंदी की आशंका में विश्व बाजार की गिरावट से घबराए निवेशकों की स्थानीय स्तर पर हुई भारी बिकवाली से सोमवार को शेयर बाजार में सुनामी आ गई। सेंसेक्स पिछले दस महीने की सबसे बड़ी 2226.79 अंक की एकदिनी गिरावट लेकर 73,137.90 अंक और निफ्टी 742.85 अंक का गोता लगाकर 22161.60 अंक पर रहा था।
बीएसई की दिग्गज कंपनियों की तरह मझौली और छोटी कंपनियों के शेयरों में भी मंगलवार को जमकर लिवाली हुई, जिससे मिडकैप 1.87 प्रतिशत की मजबूती के साथ 39,837.44 अंक और स्मॉलकैप 2.18 प्रतिशत की छलांग लगाकर 44,932.42 अंक हो गया। इस दौरान बीएसई में कुल 4083 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ, जिनमें से 3093 में तेजी जबकि 871 में गिरावट रही वहीं 119 में कोई बदलाव नहीं हुआ। इसी तरह एनएसई में कुल 2957 कंपनियों में कारोबार हुआ, जिनमें से 2391 में लिवाली जबकि 499 में बिकवाली हुई वहीं 67 में टिकाव रहा।
बाजार विश्लेषकों के अनुसार, भारतीय शेयर बाजारों में हालिया उछाल उस समय देखने को मिला जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह संकेत दिया कि जापान बातचीत के लिए एक प्रतिनिधिमंडल वाशिंगटन भेजेगा। इस बयान ने निवेशकों के बीच यह उम्मीद जगाई कि अमेरिका अपने टैरिफ नीति पर नरमी दिखा सकता है। इससे वैश्विक बाजारों में अस्थिरता के बावजूद भारतीय बाजारों को एक सकारात्मक पुश मिला।
वहीं, श्री ट्रंप ने चीन को लेकर सख्त रुख बनाए रखा और यह चेतावनी दी कि यदि बीजिंग अपने जवाबी टैरिफ को जारी रखता है तो अमेरिका चीनी आयात पर 50 प्रतिशत तक का अतिरिक्त शुल्क लगा सकता है। इस धमकी ने बाजार में आशावाद की सीमाओं को रेखांकित कर दिया और निवेशकों को सतर्क कर दिया।
विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में पहले से ही भारी बिकवाली हो चुकी थी, जिससे रिकवरी की संभावना बनी हुई थी। ऐसे माहौल में सकारात्मक संकेतों को निवेशकों ने तेजी से भुनाया। हालांकि, यह तेजी सतत बनी रहेगी या नहीं, यह काफी हद तक अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता की दिशा पर निर्भर करेगा। जब तक इस मोर्चे पर स्पष्टता नहीं मिलती, तब तक बाजार उतार-चढ़ाव के दौर में बना रह सकता है।
बीएसई के सभी 21 समूहों का रुख सकारात्मक रहा। इससे कमाेडिटीज 1.69, सीडी 2.02, ऊर्जा 2.03, एफएमसीजी 2.02, वित्तीय सेवाएं 1.76, हेल्थकेयर 1.94, इंडस्ट्रियल्स 2.04, आईटी 1.77, दूरसंचार 2.32, यूटिलिटीज 0.82, ऑटो 1.64, बैंकिंग 1.45, कैपिटल गुड्स 2.14, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स 2.38, धातु 1.22, तेल एवं गैस 2.58, पावर 0.71, रियल्टी 2.44, टेक 1.97, सर्विसेज 1.85 और फोकस्ड समूह के शेयर 1.72 प्रतिशत उछल गए।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तेजी का रुख रहा। इस दौरान ब्रिटेन का एफटीएसई 1.51, जर्मनी का डैक्स 0.92, जापान का निक्केई 6.03, हांगकांग का हैंगसेंग 1.51 और चीन का शंघाई कंपोजिट 1.58 प्रतिशत चढ़ गया।