सपा ने की बुर्कानशीं की पहचान के निर्देश वापस लेने की मांग

लखनऊ, समाजवादी पार्टी (सपा) ने निर्वाचन आयोग द्वारा बुर्केवाली महिला मतदाताओं की पहचान आंगनवाड़ी सेविकाओं से कराए जाने के निर्देश को वापस लेने की मांग की है।
पार्टी ने कहा है कि यह नया नियम स्वतंत्र, निष्पक्ष और भयमुक्त चुनाव की भावना के खिलाफ है। इससे देश के एक विशेष समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। इस संबंध में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने सोमवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त को संबोधित ज्ञापन प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार का नया निर्देश भारत निर्वाचन आयोग की हैंड बुक फार रिटर्निंग आफिसर के नियमों के विपरीत है।
सपा के अनुसार, हैंडबुक के पृष्ठ संख्या 143 के पैराग्राफ 13.6.9 में स्पष्ट उल्लेख है कि मतदाता की पहचान की जिम्मेदारी मतदान अधिकारी की होती है। जिसे मतदाता पहचान पत्र की जांच का अधिकार दिया गया है। इस आधार पर आयोग का नया निर्देश अवैध, असंवैधानिक और पक्षपातपूर्ण है।
ज्ञापन में कहा गया कि आयोग का यह कदम उसकी निष्पक्षता और पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न लगाता है। पार्टी का आरोप है कि यह निर्णय एक विशेष सम्प्रदाय की महिलाओं को मतदान के अधिकार से वंचित करने की कोशिश है।