नई दिल्ली, समाजवादी पार्टी से निष्कासित रामगोपाल की पार्टी में वापसी हो गई है। प्रोफेसर रामगोपाल यादव पिछले दिनों समाजवादी पार्टी के भीतर मची रार की भेंट चढ़ गए थे। अब स्वयं राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह ने उन्हें पार्टी में वापस लिए जाने की घोषणा की है। पिछले दिनों अमर सिंह ने कहा था कि अगर उन्हें कुछ भी होता है तो इसके लिए रामगोपाल यादव जिम्मेदार होंगे।
इस बीच उनकी सपा में वापसी पर अमर सिंह को झटका लगा है। उनका कहना है कि वे अंदर के आदमी हैं, जबकि मैं बाहर का। इसलिए मैं कुछ नहीं कहूंगा। पार्टी में वापसी के बाद रामगोपाल यादव ने कहा, ये तो होना ही था, यह नेताजी की कृपा है। मैं पार्टी के खिलाफ कभी नहीं था, न ही कभी पार्टी के खिलाफ बयान दिया है।
उत्तर प्रदेश में सपा प्रवक्ता जूही सिंह ने रामगोपाल यादव की पार्टी में वापसी का स्वागत किया है। इससे पहले डॉ. रामगोपाल यादव ने कुछ दिन पहले एक प्रेसवार्ता कर आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री को नजरअंदाज कर पार्टी में टिकट बांटे जा रहे हैं। पार्टी से निष्कासन के प्रश्न के जवाब में डॉ यादव ने कहा था कि वे अपने को समाजवादी पार्टी का सदस्य मानते हैं और पार्टी सदस्य होने के नाते ही यह बयान दे रहे हैं। अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर रामगोपाल रो पड़े थे। भ्रष्टाचार के आरोप से आहत रामगोपाल ने कहा था कि उन्हें इससे बेहद तकलीफ हुई। पार्टी से निष्कासन के बावजूद वे राज्यसभा में पार्टी के नेता पद पर कायम थे। सदन में उनका रुतबा बरकरार रहा। संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन उन्होंने पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हुए नोट बंदी के मामले पर केंद्र सरकार को घेरा था। इस बीच अब उन्हें पार्टी में वापस ले लिया गया है। बता दें कि समाजवादी पार्टी में शिवपाल यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच मचे घमासान में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह की नाराजगी की गाज प्रोफेसर रामगोपाल यादव पर ही गिरी थी।