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भगवान श्रीकृष्ण के बारे में गलत पढ़ाये जाने का विरोध हुआ शुरू

नई दिल्ली, महाभारत की गलत कथा विद्यार्थियों को पढ़ाये जाने का विरोध शुरू हो गया है।

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के केंद्रीय विद्यालय में कक्षा सात के विद्यार्थियों को तथ्यों से परे महाभारत पढ़ाई जा रही है। केंद्रीय विद्यालय के कक्षा सात में बच्चों को ‘बाल महाभारत कथा’ नामक पुस्तक पढ़ाई जा रही है। हिंदी की पूरक पाठ्यपुस्तक के रूप में पढ़ाई जाने वाली यह पुस्तक चक्रवर्ती राजगोपालाचार्य की महाभारत कथा का संक्षिप्त रूप है।

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की पुस्तक में लिखा है कि जरासंध ने भगवान श्रीकृष्ण को युद्ध में हरा दिया था। इस कारण श्रीकृष्ण को द्वारका जाना पड़ा था। इसे लेकर विवाद खड़ा हो गया जिसका अब व्यापक स्तर पर विरोध शुरू हो गया है ।

यह प्रसंग युधिष्ठिर और भगवान श्रीकृष्ण के संवाद के रूप में उल्लेखित है। पुस्तक में उल्लेखित तथ्यों के मुताबिक भगवान श्रीकृष्ण राजसूय यज्ञ के लिए युधिष्ठिर से चर्चा कर रहे थे। भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि इस यज्ञ में सबसे बड़ा बाधक मगध देश का राजा जरासंध है। जरासंध को हराए बिना यह यज्ञ कर पाना संभव नहीं है। हम तीन बरस तक उसकी सेनाओं से लड़ते रहे और हार गए। हमें मथुरा छोड़कर दूर पश्चिम द्वारका में जाकर नगर और दुर्ग बनाकर रहना पड़ा।

जबकि सत्यता यह है कि श्रीकृष्ण ने कंस का वध कर दिया था। इससे कुपित होकर कंस के मित्र व रिश्तेदार जरासंध ने मथुरा पर लगातार आक्रमण करना शुरू कर दिया। श्रीकृष्ण उसे बार-बार परास्त करते, फिर भी वह हार नहीं मान रहा था। ऐसा 16 बार हुआ। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण ने आत्म चिंतन किया। सोचा कि कंस का वध करने का उत्तरदायी हूं। जरासंध बार-बार आक्रमण करता है, तो जनहानि होती है। मथुरा का विकास बाधित है। इसलिये उन्होने मथुरा का त्याग कर दिया और द्वारका जाकर रहने लगे।  भगवान श्रीकृष्ण अंतिम समय तक शांति का प्रयास करते रहे।
श्रीमद्भागवत की छपाई के प्रमुख केंद्र गीता प्रेस, गोरखपुर के प्रबंधन व इतिहासकारों ने इसे तथ्यों से दूर बताया है। साथ ही कहा कि विद्यार्थियों को भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित गलत जानकारी दी जा रही है।  वहीं, गोरखपुर शहर लोकसभा क्षेत्र के सांसद रवि किशन ने कहा कि अब आने वाली पीढ़ियों को सत्य पढ़ाया जाएगा। अच्छा संस्कार मिलेगा। भाजपा सरकार ने संस्कारवान शिक्षा की नींव रख दी है। नई शिक्षा नीति ही विद्यार्थियों को संस्कारवान बनाएगी। केंद्रीय विद्यालय की पुस्तक में कुछ भी गलत पढ़ाया जा रहा तो उसे बदलने की सिफारिश की जाएगी।

अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ने इसे पूरे देश और समाज का अपमान बताते हुये सरकार से इसको तत्काल सुधारने की अपील की है। उन्होने कहा कि हमारे इतिहास को गलत ळिखा गया है, दोषियों के विरूध सख्त कार्रवाही हो।