समाजवादी पार्टी के अखिलेश गुट की सूची तैयार, चुनाव आयोग के फैसले का इंतजार

akhileshलखनऊ,  समाजवादी पार्टी  के दोनों खेमों ने चुनाव लड़ने की रणनीति तैयार कर ली है। साइकिल सिम्बल नहीं मिलने पर आगे का प्लान भी तैयार हो चुका है। वहीं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि वह जल्द अपने प्रत्याशियों की सूची जारी करेंगे। उन्होंने अपने समर्थकों से चुनाव की तैयारियों में जुटने को कहा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आप लोग परेशान मत हों।

इस बीच मंत्री अवधेश प्रसाद ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद गुरूवार को कहा कि हम अखिलेश यादव के चेहरे पर ही चुनाव लड़ेंगे। वहीं पार्टी प्रवक्ता जूही सिंह की ओर से कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने अपने पिता से जो मांग की है, वह जायज है। नेताजी को उनकी बात माननी चाहिए। अखिलेश खेमें के मुताबिक चुनाव का कार्यक्रम पूरी तरह से तैयार हो चुका है। घोषणा पत्र पर भी काम पूरा हो चुका है। अब केवल चुनाव आयोग के फैसले का इन्तजार किया जा रहा है। माना जा रहा है कि पार्टी सिम्बल पर चुनाव आयोग शुक्रवार को फैसला सुना सकता है। इसके बाद अखिलेश गुट पूरी तरह से प्रचार-प्रसार में जुट जायेगा। जिस तरह से पूरी पार्टी अखिलेश यादव के समर्थन में है। उससे माना जा रहा है कि मुलायम और अखिलेश की जारी सूची में कई नाम समान होने के बाद ज्यादातर प्रत्याशी अखिलेश गुट से ही चुनाव लड़ेंगे। वहीं अखिलेश यादव ने भी अपनी जनसभाओं का खाका तैयार कर लिया है। इस दौरान वह अपने खेमे के सिम्बल का प्रचार-प्रसार भी करेंगे। इस बात के भी कयास लगाये जा रहे है कि कांग्रेस से बात फाइनल होने पर सीएम अखिलेश के चुनावी कार्यक्रम में फेरबदल हो सकता है। कांग्रेस से गठबन्धन होने पर वह प्रदेश की सभी विधानसभाओं में प्रचार करने नहीं जायेंगे। वहीं सांसद डिम्पल यादव भी अपने पति अखिलेश यादव के गुट के प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करेंगी। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी प्रभावी कैंपेन करने की रणनीति बनायी गयी है। वहीं अन्य माध्यमों के जरिए भी प्रचार होगा। गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी में टिकट वितरण से खफा अखिलेश यादव ने खुली बगावत करते हुए अपने 235 प्रत्याशियों की सूची अलग से जारी कर दी थी। इसके बाद से ही पार्टी दो गुटों में बंटी हुई है। सुलह समझौते की तमाम कोशिशें नाकाम होने के बाद रामगोपाल ने आपातकालीन अधिवेशन बुलाया, जिसमें मुलायम सिंह यादव को हटाकर अखिलेश यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद दोनों पक्ष साइकिल सिम्बल पर अपने दावे को लेकर चुनाव आयोग जा चुके हैं।

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