नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि जन सेवा के कार्यों को समाज के सामने लाने के लिए ‘मन की बात’ बेहतरीन मंच है और इन कार्यों की चर्चा दूर-दूर तक होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आकाशवाणी पर अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 118वीं कड़ी में राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि नेक नियत से निस्वार्थ भावना के साथ किए गए कामों की चर्चा दूर-सुदूर पहुँच ही जाती है। ‘मन की बात’ तो इसका बहुत बड़ा मंच है।
उन्होंने कहा, “हमारे इतने विशाल देश में दूर-दराज भी अगर कोई अच्छा काम कर रहा होता है, कर्तव्य भावना को सर्वोपरि रखता है,तो उसके प्रयासों को सामने लाने का ये बेहतरीन मंच है।”
उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में दीपक नाबाम ने सेवा की अनूठी मिसाल पेश की है। दीपक जी यहां आवास गृह चलाते हैं। जहां मानसिक रूप से बीमार, शरीर से असमर्थ लोगों और बुजुर्गों की सेवा की जाती है, यहां पर नशे की लत के शिकार लोगों की देखभाल की जाती है। उन्होंने कहा कि दीपक नाबाम जी ने बिना किसी सहायता के समाज के वंचित लोगों, हिंसा पीड़ित परिवारों और बेघर लोगों को सहारा देने का अभियान शुरू किया। उनकी सेवा ने एक संस्था का रूप ले लिया है। उनकी संस्था को कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि लक्षद्वीप के कवरत्ती द्वीप पर नर्स के रूप में काम करने वाली के. हिंडुम्बी का काम भी बहुत प्रेरित करने वाला है। वह 18 वर्ष पहले सरकारी नौकरी से
सेवानिवृत्त हो चुकी हैं लेकिन आज भी उसी करुणा और स्नेह के साथ लोगों की सेवा में जुटी हैं। लक्षद्वीप के ही केजी मोहम्मद के प्रयास ये भी अद्भुत हैं। उनकी मेहनत से मिनीकॉय द्वीप का समुद्री जीवन परिवेश मजबूत हो रहा है। उन्होंने पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कई गीत लिखे हैं। उन्हें लक्षद्वीप साहित्य कला अकादमी की तरफ से सर्वश्रेष्ठ लोक गीत पुरस्कार भी मिल चुका है। केजी मोहम्मद सेवानिवृत्ति के बाद वहां के संग्रहालय के साथ जुड़कर भी काम कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के निकोबार जिले में शुद्ध नारियल तेल को हाल ही में भौगोलिक संकेत चिह्न मिला है। नारियल तेल के उत्पादन से जुड़ी महिलाओं को संगठित कर स्व सहायता समूह बनाए जा रहे हैं और उन्हें बाजार और ब्रांडिंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ये हमारे आदिवासी समुदायों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे निकोबार का नारियल तेल विश्व बाजार तक पहुंचेगा।