
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को वाराणसी में पिंडरा ब्लॉक के फतेपुर में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की मां स्वर्गीय जितना देवी राजभर की प्रथम पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए कहा “ यह सौभाग्य की बात है कि आज ऐसी पुण्य भूमि पर हूं, जो चक्रवर्ती सम्राट सुहेलदेव के पराक्रम की भूमि है। महाराज सुहेलदेव ने 1000 साल पहले बहराइच की धरती पर विदेशी आक्रांता सालार मसूद को पराजित कर भारत की विजय पताका फहराई थी। आज महाराज सुहेलदेव का स्मारक बनकर तैयार हो चुका है, जो भारत की विजय और विदेशी आक्रांताओं के लिए एक चुनौती का प्रतीक है। यह स्मारक उन लोगों के लिए भी चेतावनी है, जो आज भी देश को बांटने और गद्दारी करने की साजिश रच रहे हैं।”
उन्होने कहा कि किसी भी पुत्र के लिए इससे बड़ा पुण्य कार्य नहीं हो सकता कि वह अपनी माता की स्मृति को जीवित रखने के लिए आयोजन करे। ओमप्रकाश राजभर ने यह कर दिखाया है। उन्होंने अपने माता-पिता के संस्कारों से अपने संघर्षों का मार्ग प्रशस्त किया।
मुख्यमंत्री योगी ने भगवान राम का उदाहरण देते हुए कहा कि माता की महिमा अपरंपार है। श्री राम ने स्वर्णमयी लंका को भी मातृभूमि से छोटा माना। इसी भावना से ओमप्रकाश राजभर ने अपने माता-पिता की परंपरा और संस्कारों को आगे बढ़ाया है।
मुख्यमंत्री ने ओमप्रकाश राजभर के दोनों पुत्रों अरुण राजभर व अरविंद राजभर सहित पूरे परिवार को बधाई दी। उन्होंने इस पुण्य अवसर पर आए सभी लोगों का आभार व्यक्त किया और फतेपुर की धरती को नई ऊंचाई देने का संकल्प दोहराया।
मुख्यमंत्री योगी ने राष्ट्र के विरोध में काम करने वालों को चेतावनी देते हुए कहा कि सुहेलदेव का इतिहास हर उस गद्दार के लिए सबक है, जो देश को तोड़ने की कोशिश करेगा।