सरकार अरावली को खत्म करना चाहती है, लेकिन हम इसे मरने नहीं देंगे : कांग्रेस

नयी दिल्ली, कांग्रेस ने अरावली को देश का भविष्य बताते हुए कहा है कि सरकार इसे बर्बाद करना चाहती है लेकिन कांग्रेस अरावली को मरने नहीं देगी और सात जनवरी से इस मुहिम में सत्याग्रह यात्रा निकालेगी।
युवा कांग्रेस अध्यक्ष उदयभानु चिब ने शुक्रवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अरावली सिर्फ पहाड़ नहीं-हमारी जीवन रेखा है। ये हमारी सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, जिसे मोदी सरकार तबाह करने पर तुली है। अरावली को बचाने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि अरावली को बचाना सबकी जिम्मेदारी है और युवा कांग्रेस इस जिम्मेदारी के निर्वहन के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि युवा कांग्रेस अरावली को बचाने के लिए सात जनवरी से ‘अरावली सत्याग्रह’ यात्रा निकाल रही है और यह यात्रा 20 जनवरी तक चलेगी। यह यात्रा गुजरात से शुरू होगी और राजस्थान, हरियाणा से होते हुए दिल्ली आयेगी।अरावली सत्याग्रह भविष्य को बचाने की यात्रा है जो सात जनवरी से शुरु होगी और गुजरात, राजस्थान, हरियाणा होते हुए दिल्ली पहुंचेगी। यह यात्रा करीब करीब 1,000 किमी की होगी।
श्री चिब ने कहा कि युवा कांग्रेस इस यात्रा के जरिये मांग करेगी कि अरावली रेंज पर 100 मीटर का पैंतरा ख़त्म कर अरावली क्षेत्र को महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी क्षेत्र घोषित करे। उनका कहना था कि उच्चतम न्यायालय के आदेश की समीक्षा हो और अरावली को लेकर जो प्रस्ताव दिया गया है सरकार उस प्रस्ताव वापस ले तथा अरावली रेंज में खनन को पूरी तरह से प्रतिबंधित करे।
युवा कांग्रेस नेता ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने पहले देश की संस्कृति को प्रदूषित किया और अब पर्यावरण को भी प्रदूषित करने की तैयारी में है। उनका कहना था कि अरावली- महज पहाड़ नहीं हैं, ये उत्तर भारत को सुरक्षा देते हैं। अरावली की पहाड़ियां जल स्तर, प्रदूषण, तापमान नियंत्रण करने के साथ ही मरुस्थल बनने को रोकने का काम करती हैं। साथ ही ये पिछले कई साल से हमारी संस्कृति को सहेज रही है।
श्री चिब ने कहा “उच्चतम न्यायालय ने 1995 में कहा था कि अरावली क्षेत्र में खनन अवैध है, लेकिन इसी न्यायालय ने अब कहा है कि जो पहाड़ 100 मीटर से कम होंगे- वह अरावली में नहीं आएंगे। जबकि सच्चाई ये है कि 90 प्रतिशत पहाड़ 100 मीटर से कम हैं। इसलिए हम इसका विरोध करते हैं। सरकार ने खुद सुप्रीम कोर्ट को प्रस्ताव भेजा था कि 100 मीटर से कम ऊंचाई वाले पहाड़ को अरावली रेंज से हटा दिया जाए। पहले उच्चतम न्यायालय की समिति होती थी, जो खनन की निगरानी करती थी, लेकिन मोदी सरकार ने उसे भंग कर दिया।”
युवा कांग्रेस नेता ने कहा कि ख़बरों के मुताबिक- अभी तक 50 नये खनन को अनुमति मिल चुकी है जबकि 2010 में उच्चतम न्यायालय ने उन खनन के विस्तार को रोक दिया था, जो अरावली के पास पहुंच गया था, लेकिन भाजपा की राजस्थान सरकार ने कहा है कि अगर आपको विस्तार चाहिए तो शुल्क दीजिए और इस आधार पर 2010 में बंद हुई खनन गतिविधियों को खोल दिया गया है। उन्होंने कहा कि युवा कांग्रेस इसका विरोध करेगी।





