नई दिल्ली, भारतीय सांसद, विधायक दलगत राजनीति का आरोप एक दूसरे पर लगाते रहते हैं। लेकिन एक ऐसा मुद्दा है, जब दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सांसद सोचते हैं। उन्हें कुछ गलत नजर नहीं आता है। अपनी सैलरी के मुद्दे पर सांसद एक सुर में आवाज उठाते हैं कि आज के दौर में उनका सैलरी ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। लेकिन बहुत जल्द ही उनकी ये शिकायत दूर हो सकती है। उन्हें बढ़ी हुई सैलरी का तोहफा केंद्र सरकार जल्द दे सकती है। केंद्र सरकार ने सांसदों की बेसिक सैलरी में 100 फीसद इजाफा करने का फैसला किया है। भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली समिति ने सांसदों की बेसिक सैलरी 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख करने की संस्तुति की है। सैलरी और भत्तों के लिए बनी संयुक्त समिति ने भत्तों में भी इजाफा करने का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि पीएमओ भी समिति की सिफारिश से सहमत है और बहुत जल्द ही इस संबंध में फैसला लिया जा सकता है। केंद्र सरकार राष्ट्रपति की सैलरी मौजूदा 1.5 लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपए प्रति महीने करने पर विचार कर रही है। इसके अलावा राज्यपाल की सैलरी भी 1.10 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख करने पर विचार हो रहा है।