साबुन देने वाले दलितों पर, भड़के सीएम योगी, झांसी से लखनऊ प्रेस क्लब तक, कराई खातिरदारी
July 4, 2017
लखनऊ, दलित उत्पीड़न के विरोध मे, प्रेस क्लब,लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे कई दलित कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. दलित विचारक व पूर्व आईपीएस अफसर एसआर दारापुरी समेत 31 लोगों को गिरफ्तार किया.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, दलित नेताओं को फौरन प्रेस क्लब खाली करने के लिए कहा, लेकिन एसआर दारापुरी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रमेश चन्द्र दीक्षित ने कहा कि उन्हें गोष्ठी करने से कोई नहीं रोक सकता। वो अपनी बात जनता के सामने जरूर रखेंगे। दलितों पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
दलित नेताओं को न हटते देख कर पुलिस ने उनसें कहा कि उनका एजेंडा सिर्फ वार्ता करना नहीं है क्योंकि एलआईयू रिपोर्ट के अनुसार कुछ लोग राजधानी के चौक क्षेत्र में छिप कर बैठे थे जिन्हे पुलिस ने रोक लिया है। एसपी विकास चन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि ये लोग प्रेस क्लब में वार्ता के नाम पर एकत्र हो कर मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच करने वाले थे। जिसे समय रहते रोक लिया गया है।
गिरफ्तार किए गए दलित कार्यकर्ताओं में पूर्व आईपीएस अफसर एसआर दारापुरी, राम कुमार, पीसी कुरील, रमेश चन्द्र दीक्षित सहित 31 दलित विचारक व नेता शामिल है। दलित विचारक एसआर दारापुरी ने कहा कि झांसी में दलितों की गिरफ्तारी की वो निंदा करते हैं। योगी सरकार दलित विरोधी है जिससे इस सरकार में दलितों पर हिंसा बढ़ गई है।
इससे पहले, रविवार को , झांसी में करीब 50 दलितों को लखनऊ आने से रोक दिया गया. ये लोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलना चाहते थे और उन्हें एक विशाल साबुन की टिकिया भेंट करना चाहते थे. यह लोग गुजरात के अहमदाबाद से आ रहे थे और अपने साथ ला रहे 125 किलो के साबुन की टिकिया को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देना चाहते थे.पुलिस ने बिना कोई कारण बताए उन लोगों से झांसी में ट्रेन से उतरने को कहा. ट्रेन से उतार कर इन लोगों को एक स्थानीय गेस्ट हाउस में ले जाया गया और बाद में ट्रेन से वापस अहमदाबाद भेज दिया गया.
योगी आदित्यनाथ के कुशीनगर दौरे के समय, पहले प्रशासन ने स्थानीय दलितों को साबुन और सैंपू दिया था। साथ ही मुख्यमंत्री के पास नहाकर आने की नसीहत दी थी। माना जा रहा है कि इसी का विरोध करते हुए गुजरात के दलित नेता मुख्यमंत्री को साबुन भेंट करने आ रहे थे।