नयी दिल्ली, राजस्थान के प्रसिद्ध लोककला मर्मज्ञ एवं लेखक विजय वर्मा को 2017 का ‘बिहारी पुरस्कार’ दिया जायेगा। यह पुरस्कार के. के. बिरला फाउंडेशन द्वारा महाकवि बिहारी के नाम पर दिया जाता है। इसे राजस्थानी और हिन्दी में राजस्थान के लेखक को प्रदान किया जाता हैं।
फाउंडेशन द्वारा जारी विज्ञप्ति में आज बताया गया कि चयन समिति के अध्यक्ष नंद भारद्वाज की अध्यक्षता में हुई बैठक में 2017 के ‘बिहारी पुरस्कार’ लिए विजय वर्मा के निबंध संग्रह ‘लोकावलोकन’ को चुना गया। पुरस्कार स्वरूप उन्हें दो लाख रूपये और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जायेगा। पहला बिहारी पुरस्कार 1991 में डॉ. जयसिंह नीरज के रचनाकर्म ‘ढाणी का आदमी’ को प्रदान किया गया था।
पांच अक्टूबर 1935 को पूर्वी उत्तर प्रदेश में जन्मे वर्मा की आरंभिक और उच्च शिक्षा इलाहाबाद से हुई। 1958 से 1960 तक गोरखपुर विश्वविद्यालय और सागर विश्वविद्यालय में शिक्षक के रूप में कार्य किया। 1960 में भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन हुआ। वर्मा के प्रमुख रचनाओं में ‘द लिविंग म्यूजिक ऑफ राजस्थान’, ’परफॉर्मिंग आर्ट्स ऑफ राजस्थान’, ’सरोकारों के रंग’, ’हिन्दी फिल्म संगीत सिंहावलोकन और लोकावलोकन’ शामिल हैं।