सीएमओ ने कहा,यूपी के इस गांवों में टीकाकरण को लेकर लोग गंभीर नहीं

सहारनपुर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में कोरोना से बचाव के लिए ग्रामीण गंभीर नहीं है और अभी तक मात्र चार लाख 47 हजार 70 लोगों ने ही टीका लगवाया है। नवनियुक्त मुख्य चिकित्साधिकारी संजीव मांगलीक ने शुक्रवार को बताया कि गांवों में टीकाकरण को
लेकर लोग तरह-तरह की भ्रांतियों में फंसे हैं और टीकाकरण को लेकर गंभीर नहीं हैं। उन्होंने सभी से टीका लगाने की अपील करते हुए कहा कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन लगावाना जरुरी है।

डा. संजीव मांगलीक ने हाल ही में यहां कार्यभार ग्रहण किया था और वह जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने दो दिन के दौरान नांगल, देवबंद,बड़गांव और अम्बेहटा चांद के स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण किया।
उन्होंने बताया कि जिले में 19 सीएचसी और 40 पीएचसी हैं जबकि दो नए पीएचसी और बनने वाले हैं। सभी सीएचसी पर आक्सीजन की सुविधा बढ़ाई जा रही है। एक माह के भीतर जिले के सभी सीएचसी आक्सीजन की सुविधा से लैस हो जाएंगी।

उन्होंने कहा कि गांवों में टीकाकरण को प्रोत्साहित करने के लिए ग्राम प्रधान, लेखपाल,आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्त्ता और स्वास्थ्य विभाग के लोग ग्रामीणों में कोरोना वैक्सीन को लेकर की जा रही शंकाओं का समाधान करेंगे और प्रत्येक गांव में टीकाकरण का सघन अभियान चलाया जाएगा।

सीएमओ ने देवबंद सीएचसी के प्रभारी डा. इंद्रराज सिंह को हिदायत दी कि वह सीएचसी पर आने वाले लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करें। किसी को भी किसी प्रकार की असुविधा न हो। देवबंद में साफ-सफाई की व्यवस्था से सीएमओ असंतुष्ट नजर आए। उन्होंने महिला अस्पताल के लिए जनरेटर की व्यवस्था करने को कहा।

डा. संजीव मांगलीक ने बताया कि तीन लाख 88 हजार 809 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी हैं और 58 हजार 261 लोग दूसरी डोज लगवा चुके हैं। सहारनपुर जिले में 16 जनवरी से टीकाकरण अभियान शुरू हुआ था और 10 मई से 18 से 44 साल के लोगों को वेक्सीन लग रही है। जिले में गुरूवार को 15 हजार लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य था जबकि 8 हजार 683 लोगों ने ही टीका लगवाया। जिले में 104 केंद्रों पर टीके लगाए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि जिले में संक्रमण की रफ्तार सुस्त पड़ गई है और कोरोना के करीब 300 रोगी ही बचे हैं। दूसरी लहर में गुरूवार का दिन ऐसा रहा जब सबसे कम केवल 10 नए मरीज ही मिले।

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