आजमगढ़, अपनी जान की परवाह किये बगैर, एक आशा कार्यकत्री उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के काफिले के आगे आकर खड़ी हो गई। महिला को सीएम के सुरक्षाकर्मियों ने हटाने की कोशिशें भी की, पर वह नही मानी, बोली हमें उनसे मिलना है, हमें पैसा नहीं मिल रहा।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आजमगढ़ में इंसेफेलाइटिस के लिए टीकाकरण अभियान को शुरू करने के बाद निकल रहे थे कि 33 वर्षीय शुभावती देवी जो कि आशा कार्यकत्री है उनके काफिले के आगे आकर खड़ी हो गई। महिला को रास्ते हटाने की कोशिशें की जाने लगीं। महिला कह रही थी कि ”आपने उन्हें (योगी) घेर क्यों रखा है? हमें उनसे मिलना है, हमें पैसा नहीं मिल रहा।” दरअसल, आशा कार्यकत्रियां लंबे समय से उत्तर प्रदेश में मानदेय बढ़ाने की मांग कर रही हैं। शुभावती इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपना चाहती थी।
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कार में आगे की सीट पर बैठे योगी आदित्यनाथ ने पूरा वाकया देख दरवाजा खोला और सुरक्षाकर्मियों से महिला को आने देने को कहा। दोनों के बीच कुछ देर की बातचीत हुई, मगर तभी योगी के समर्थक नारे लगाने लगे। आपाधापी में महिला के हाथ से ज्ञापन कहीं गिर गया और देखते-देखते सीएम का काफिला वहां से गुजर गया।
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शुभावती आजमगढ़ के महराजगंज ब्लॉक की हैं। उसका पति बेरोजगार हैं और 5 बच्चे हैं। मानदेय बहुत कम मिलता है। जबकि मानदेय और राज्य ों में अधिक है।
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