गोरखपुर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि 25 नवम्बर तक सभी चीनी मिले प्रारम्भ हो जाये तथा फरवरी माह में तीन नयी चीनी मिले भी संचालित हो जाये। योगी 384 करोड़ की लागत से बन रहे पिपराईच चीनी मिल का निरीक्षण कर कार्यो की प्रगति का जायजा लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने चीनी मिल की डिजाइन को देखकर वहां कराये जा रहें कार्यो की भी जानकारी ली।
उन्होंने निरीक्षण के दौरान निर्देश दिया कि सभी कार्यो को एक साथ कराया जाये और टाइमलाइन बनाकर कार्यो को पूरा करें। इस दौरान उन्होने पिपराईच मे ओवरब्रिज बनाने की सम्बंध में योजना बनाने के लिए निर्देश दिये। उन्होने कहा कि गत 20 वर्षों से चीनी मिल बन्द पड़ी थी जिसके आसपास के गन्ना किसानों को काफी कठिनाई का समाना करना पड़ता था लेकिन अब चीनी मिल बन जाने से यहां के गन्ना किसानो को काफी लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहली ऐसी आधुनिक सुविधाओं से युक्त चीनी मिल होगा जहां पर 27 मेगावाट बिजली का उत्पादन भी होगा। इसके अतिरिक्त यहां पर 12 महीने लगातार चलने वाली डिटस्लरी का भी निर्माण होगा जो कि प्रदूषण नियंत्रण के मानको के अनुरूप रहेगा। उन्होंने कहा कि पिपराइच चीनी मिल फरवरी 2019 से संचालित होगा।
उन्होंने कहा कि चीनी मिल बनने से प्रत्यक्ष एवं प्रत्यक्ष रूप से लोगों को काफी रोजगार उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गन्ने का रकबा बढ़ा है। अभी तक 39 हजार करोड़ गन्ना मुल्य का भुगतान किया जा चुका हैं। लगभग 6 हजार करोड़ गन्ना मूल्य का भुगतान जो पिछले वर्ष का बाकी है उसे भी 30 नवम्बर तक भुगतान करने की तैयारी सरकार द्वारा की जा रही है। योगी ने कहा कि इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा साफ्टलोन की व्यवस्था भी की गयी है और उसमें आवेदन लिये जा रहें है। प्रदेश सरकार द्वारा एक हजार करोड़ का साफ्ट लोन पहले ही बैकों से स्वीकृत कराया गया है।
उन्होंने कहा कि यह पैसा चीनी मिलों के खाते में न जाकर सीधे किसानों के खाते में भेजने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा की प्रदेश सरकार का प्रयास है कि 25 नवम्बर तक सभी चीनी मिले प्रारम्भ हो जाये तथा फरवरी माह में तीन नयी चीनी मिले भी संचालित हो जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिपराइच चीनी मिल पहला ऐसी चीनी मिल होगी जहां रिफाइन्ड चीनी का निर्माण होगाएयहां पर निर्मित होने वाली चीनी मिल सल्फर फ्री चीनी होगी। जिसकी अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में काफी मांग है। साथ ही जितनी चीनी की आवश्यकता होगी उतनी चीनी के निर्माण के बाद सुगर केन से सीधे एथेनाल बनाने के लिए व्यवस्था की जा रही है।
उन्होंने कहा कि चीनी मिल के संचालित होने पर पहले वर्ष में 10 लाख कुन्तल गन्ने की आवश्यकता होगी और जब यह चीनी मिल अपनी पूरी क्षमता से चलेगी तो 80 लाख से एक लाख कुन्तल गन्ने की आवश्यकता होगी जिससे की आसपास के किसी भी गन्ना किसान को परेशान नहीं होना पड़ेगा और उनके फसल का अच्छा मूल्य मिलेगा और वे खुशहाल होगे तथा जो भी सुगर के क्षेत्र में नयी तकनीक आई है उसे यहां उपलब्ध कराया जायेगा।