नई दिल्ली, केन्द्रीय स्वास्थ्य सेवा के लाभार्थियों को स्टेंट की सीधी उपलब्धता की कोई व्यवस्था नहीं है उन्हें यह चिकित्सा उपकरण सीजीएचएस के पैनल में शामिल सरकारी अस्पतालों के जरिए उपलब्ध कराया जा रहा है। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी। उन्होंने बताया कि सीजीएचएस न तो स्टेंट की सीधी खरीद करता है और न ही लाभार्थियों को सीधे इन्हें उपलब्ध कराता है।
ये उपकरण उन्हें सीजीएचएस के पैनल वाले अस्पतालों से देने की व्यवस्था है। जो अस्पताल इन्हें लाभार्थियों के लिए खरीदतें हैं, उन अस्पतालों को बाद में इन उपकरणों की कीमत सीजीएचएस की निर्धारित दरों के हिसाब से चुका दी जाती है। श्री कुलस्ते ने सीजीएचएस कोटे से जारी हो रहे स्टेंट की गुणवत्ता पर कहा कि राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण की ओर से ऐसा कहा गया है कि कुछ हितधारकों के साथ हुई बातचीत में यह मुद्दा उठाया गया कि सीजीएचएस को दिए जाने वाले स्टेंट बेहद सामान्य स्तर के हैं।
उन्होंने कहा कि हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय को किसी भी सीजीएचएस लाभार्थी से ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है कि अस्पतालों में उन्हें घटिया किस्म के स्टेंट उपलब्ध कराए जा रहे हैं फिर भी मंत्रालय अन्य सभी सेवाओं के साथ ही स्टेंटों की आपूर्ति और उनकी गुणवत्ता पर कड़ी नजर रखे हुए है। स्टेंट एक ऐसा कृत्रिम उपकरण है जो मुख्य रूप से ह्दय की संकुचित या अवरुद्ध हो रही धमनियों में रक्त प्रवाह को सामान्य बनाए रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
इसका उपयोग शरीर के अन्य हिस्सों में अवरुद्ध हो रही नाड़यिों को खोलने के लिए भी होता है। दिल के मरीजों को बड़ी राहत देते हुए सरकार ने हाल ही में कॉरनरी स्टेंट की कीमतों में 85 फीसदी तक की कमी की है। इसके हिसाब से मेटल के स्टेंट की कीमत 7,260 रुपये और ड्रग इल्यूट स्टेंट की कीमत 29,600 रुपये निर्धारित की गयी है।