नई दिल्ली, सीमा पर पाकिस्तानी सैन्य बलों के साथ चल रही भारी गोलीबारी के बीच भारत, दुश्मन की किसी भी आकस्मिक हरकत का माकूल जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है। आर्मी और वायुसेना ने अपने शीर्ष स्तर की तैयारियां पूरी की हुई हैं। इसी क्रम में अब नौसेना अगले हफ्ते अरब सागर में एक अहम अभ्यास पश्चिम लहर को अंजाम देने जा रही है। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, पश्चिम लहर अभ्यास इससे पहले किए गए डिफेंस ऑफ गुजरात एक्ससाइज (डीजीएक्स) का ही एक बड़ा रूप है, जिसका मकसद अपनी युद्धक तैयारियों की जांच करना तथा पानी के रास्ते आतंकी हमलों से निपटने की तैयारी को चुस्त करना है। यह अभ्यास 2 नवंबर से 14 नवंबर के दौरान मुबंई के वेस्टर्न नेवल कंमाड पर किया जाएगा। पश्चिमी तट पर एक बड़े सैन्य अभ्यास के लिए 40 से ज्यादा जंगी बेड़े और पनडुब्बियों के अलावा, लड़ाकू विमान, टोही विमान और ड्रोन्स पहले से ही पहुंच चुके हैं।
सेना के शीर्ष सूत्रों का कहना है कि इस अभ्यास में पूर्वी जलक्षेत्र में तैनात पोतों को भी शामिल किया गया है। रक्षा मंत्रालय ने तीनों सेनाओं के उप प्रमुखों, लेंफ्टिनेंट जनरल विपिन रावत, एयर मार्शल बी एस धनोआ और वाइस एडमिरल के बी सिंह को आपातकालीन वित्तीय अधिकार भी दिए हैं तथा अधिकार प्राप्त खरीद समितियों का भी गठन किया है जो सुरक्षा बलों के पास मौजूद गोला-बारुद के स्टॉक से जुड़ी कमियों को शीघ्र दूर करेगी। भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान को इस बात को लेकर शक है कि पाक आर्मी के प्रमुख जनरल राहिल शरीफ अपने रिटायरमेंट से पहले भारतीय सरजमीं पर आतंकियों या अपनी बॉर्डर एक्शन टीम के जरिए कोई बड़ा आतंकी हमला करवा सकते हैं। आपको बता दें कि गुरूवार को ही कुपवाड़ा के माचिल सेक्टर में शहीद हुए सेना के जवान का शव ने क्षत-विक्षत कर दिया था जिसके पीछे बैट का हाथ होने की शक जताया जा रहा है।