नयी दिल्ली, अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष एवं सांसद सुष्मिता देव ने कहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ;आरएसएसद्ध की सोच पितृ सत्तात्मक है इसलिए उसमें कोई महिला सदस्य नहीं होती है। देव ने मंगलवार को यहाँ श्हम ही से संविधान विषय पर आयोजित महिला सम्मेलन में यह बात कही। सम्मलेन में देश भर की जानी मानी महिला राजनीतिज्ञों के अलावा प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्त्ता शिक्षा विदों ने भाग लिया जिनमें पूर्व सांसद वृंदा करातए भाकपा नेता अमरजीत कौरए एन्नी राजाए मशहूर अर्थशास्त्री जयती घोषए राजनीती शास्त्री निवेदिता मेननए शबनम हाशमीए कविता श्रीवास्तव ने भाग लिया।
सुश्री देव ने कहा कि अगर लोकसभा के चुनाव में संघ परिवार सत्ता में फिर आता है तो देश में और बदहाली छायेगी। इसलिए महिलाओं को चाहिए कि वे आरएसएस को वोट न दें। उन्होंने संघ परिवार की महिला विरोधी सोच का जिक्र करते हुए कहा कि संघ से जुड़े नेता यह मानते हैं कि महिलाएं सुबह.सुबह कसरत नहीं कर सकती इसलिए उन्हें संघ का सदस्य नहीं माना जाता। माकपा पोलित ब्यूरो की सदस्य वृंदा करात ने त्रिपुरा में एक भाजपा मंत्री द्वारा एक आदिवासी महिला के साथ छेड़छाड़ की घटना का जिक्र करते हुए फासीवादी ताकतों के खिलाफ महिलाओं से लामबंद होने की अपील की।
उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा और आन्दोलन को तेज करना होगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं का आन्दोलन मजबूत होता तो महिला आरक्षण विधेयक पारित हो जाता लेकिन हम लोग सरकार पर अधिक दवाब नहीं बना सकेए इसलिए हमें अपने अधिकारों की रक्षा के लिए ताक़त बढ़ानी होगी। सम्मलेन में वक्ताओं ने देश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही हिंसा पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि मोदी सरकार में मुस्लिमए दलित और इसाई महिलाओं पर दमन और अत्याचार की घटनाओं में इजाफा हुआ है।
वक्ताओं ने यह भी कहा कि महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों का भी हनन किया जा रहा है और उनकी आज़ादी भी छीनी जा रही है।
सम्मलेन में प्रख्यात शिक्षाविद सईदा हमीद और उमा चक्रवर्ती ने भी समाज में महिलाओं के अधिकारों की लडाई को मुकाम तक लेने जाने के लिए महिलाओं को आगे आने का आह्वान किया।