नयी दिल्ली, फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप समेत प्रमुख सोशल मीडिया मंचों पर मतदान से 48 घंटे पहले कोई राजनीतिक प्रचार-प्रसार की अनुमति नहीं होगी। सोशल मीडिया मंचों द्वारा स्वेच्छा से तैयार आचार संहिता के तहत यह निर्णय किया गया है। इन मंचों ने इस तरह की आचार संहिता को चुनाव आयोग को सौंपा।
चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा, ‘‘ इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन आफ इंडिया (आईएएमएआई) तथा फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर, गूगल, शेयर चैट तथा टिक टाक आदि समेत सोशल मीडिया कंपनियों के साथ कल की बैठक के बाद आचार संहिता तैयार की गई है… ये मंच सिन्हा समिति की सिफारिशों के तहत तीन घंटे के भीतर जन प्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 126 के तहत किसी भी नियम के उल्लंघन को लेकर कदम उठाएंगे।’’
बीआईजीओ तथा बाइट डांस जैसी सोशल मीडिया कंपनियों ने भी आचार संहिता पर हस्ताक्षर किये हैं।
कानून की धारा 126 चुनाव के दिन से 48 घंटे पहले किसी भी प्रकार के प्रचार-प्रसार पर रोक लगाती है।
यह पहला मौका है जब इंटरनेट आधारित कंपनियों ने स्वेच्छा से आनलाइन प्रचार के लिये नियम स्वीकार किये हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि संहिता तैयार करना एक अच्छी शुरूआत है।
उन्होंने कहा कि संबंधित कंपनियों को आचार संहिता में जतायी गयी प्रतिबद्धता का अक्षरश: पालन करने की आवश्यकता है।
आईएएमएआई सोशल मीडिया तथा आयोग के बीच संपर्क स्थापित करने का काम करेगा।
स्वैच्छिक आचार संहिता के तहत सोशल मीडिया कंपनियां नोडल अधिकारी की प्रचार सामग्री के बारे में दी गयी रिपोर्ट पर कानून के अनुसार कार्रवाई करेंगी।