नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दीपावली स्वच्छता का पर्व है, इसलिए दिवाली घर तक ही सीमित नहीं रहनी चाहिए बल्कि बाहर भी होनी चाहिए। सिक्किम, हिमाचल प्रदेश खुले में शौच से मुक्त हो गए और जल्द ही केरल इसमें शामिल होने वाला है। कई अन्य राज्यों में खुले में शौच से मुक्त बनने की दिशा में तेजी से काम हो रहे हैं और इस क्षेत्र में भी सेना एवं सुरक्षा बलों के जवानों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
आकाशवाणी पर प्रसारित मन की बात कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, सेना के जवान सिर्फ सीमा पर नहीं, जीवन के हर मोर्चे पर खड़े हुए पाए जाते हैं। प्राकृतिक आपदा हो, कभी कानूनी व्यवस्था का संकट हों, कभी दुश्मनों से भिड़ना हो, कभी गलत राह पर चल पड़े नौजवानों को वापिस लाने के लिये साहस दिखाना हो-हमारे जवान जिंदगी के हर मोर्चे पर राष्ट्र भावना से प्रेरित होकर काम करते रहते हैं। प्रधानमंत्री ने आईटीबीपी के एक जवान का जिक्र करते हुए कहा कि आप ने सुना होगा, हिमाचल प्रदेश खुले में शौच से मुक्त हुआ। पहले सिक्किम प्रान्त हुआ था, अब हिमाचल भी हुआ और एक नवम्बर को केरल भी होने जा रहा है। लेकिन ये सफलता क्यों होती है ? उन्होंने कहा इसका कारण मैं बताता हूं,
देखिए, सुरक्षाबलों में हमारा एक आईटीबीपी का जवान विकास ठाकुर-वो मूलत हिमाचल के सिरमौर जिले के एक छोटे से गांव से हैं। उनके गांव का नाम है बधाना। मोदी ने कहा कि आईटीबीपी के ये जवान छुट्टियों में गांव गए थे। तो गांव में वो उस समय शायद कहीं ग्राम-सभा होने वाली थी, तो वहां पहुंच गए और गांव की सभा में चर्चा हो रही थी, शौचालय बनाने की और पाया गया कि कुछ परिवार पैसों के अभाव में शौचालय नहीं बना पा रहे हैं। विकास ठाकुर देशभक्ति से भरे हुए थे, उनको लगा-ये कलंक मिटाना चाहिये। और उनकी देशभक्ति देखिए, सिर्फ दुश्मनों पर गोलियां चलाने के लिये वो देश की सेवा करता है, ऐसा नहीं है। उसने तुरंत अपनी चेकबुक से 57 हजार रुपये का चेक गांव के पंचायत प्रधान को दे दिया कि जिन 57 घरों में शौचालय नहीं बना है, मेरी तरफ से हर परिवार को एक-एक हजार रूपया दे दीजिए, 57 शौचालय बना दीजिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास ठाकुर ने करके दिखाया। 57 परिवारों को एक-एक हजार रूपया अपनी जेब से दे करके स्वच्छता के अभियान को एक ताकत दी। और तभी तो हिमाचल प्रदेश को खुले में शौच से मुक्त करने की ताकत आई।
ॉउन्होंने कहा कि वैसा ही केरल में, सचमुच में नौजवानों का आभार व्यक्त करना चाहता हूं। मेरे ध्यान में आया, केरल के दूर-सुदूर जंगलों में, जहां कोई रास्ता भी नहीं है, पूरे दिन भर पैदल चलने के बाद मुश्किल से उस गांव में पहुंचा जा सकता है, ऐसी एक जनजातीय पंचायत इडमालाकुडी, पहुंचना भी बड़ा मुश्किल है। लोग कभी जाते नहीं। उसके नजदीक में, शहरी इलाके में, इंजीनियरिंग के छात्रों के ध्यान में आया कि इस गांव में शौचालय बनाने हैं। उन्होंने कहा कि एनसीसी के कैडेटों, एनएसएस के लोग, इंजीनियरिंग के छात्र, सबने मिलकर के तय किया कि हम शौचालय बनाएंगे। शौचालय बनाने के लिए जो सामान ले जाना था, ईटें हो, सीमेंट हो, सारा सामान ये नौजवानों अपने कंधे पर उठा कर पूरा दिन भर पैदल चलक उन जंगलों में गए। खुद परिश्रम करके उस गांव में शौचालय बनाए और इन नौजवानों ने दूर-सुदूर जंगलों में एक छोटे से गांव को खुले में शौच से मुक्त किया। उसी का तो कारण है कि केरल खुले में शौच से मुक्त बनने जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात ने भी, सभी नगरपालिका-महानगरपालिकायें, शायद 150 से ज्यादा को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया है। 10 जिले भी खुले में शौच से मुक्त घोषित किए गए हैं। हरियाणा से भी खुशखबरी आई है। हरियाणा भी एक नवम्बर को उनकी अपनी स्वर्ण जयंती मनाने जा रहा है और उनका फैसला है कि वो कुछ ही महीनों में पूरे राज्य को खुले में शौच से मुक्त कर देंगे। अभी उन्होंने सात जिले पूरे कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों में बहुत तेज गति से काम चल रहा है। मैंने कुछ का उल्लेख किया है। मैं इन सभी राज्यों के नागरिकों को इस महान कार्य से जुटने के लिये देश से गन्दगी रूपी अन्धकार मिटाने के काम में योगदान देने के लिये हृदय से बहुत-बहुत अभिनन्दन देता हूं।