हाई कोर्ट जजों की नियुक्ति- जानिये देश मे कुल कितने पद, कितने खाली ? और क्यों ?
September 17, 2017
नई दिल्ली, नए जजों की नियुक्ति और अतिरिक्त जजों की पदोन्नति के लिए 13 उच्च न्यायालयों की ओर से की गई 61 से अधिक नामों की सिफारिशों पर उच्चतम न्यायालय के कोलेजियम की अंतिम मंजूरी का इंतजार है। यह जानकारी एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने दी है।
इन सिफारिशों में आठ उच्च न्यायालयों द्वारा जजों की नियुक्ति के लिए भेजे गए 36 नाम शामिल हैं। इसके अलावा अतिरिक्त जजों को पदोन्नति देकर स्थायी जज बनाने के लिए पांच उच्च न्यायालयों द्वारा भेजे गए 25 नाम भी शामिल हैं। ये सिफारिशें उच्चतम न्यायालय के कोलेजियम को उस समय भेजी गई थीं, जब भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे एस खेहर थे। उनका कार्यकाल 27 अगस्त को पूरा हुआ। अगले दिन न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा ने प्रधान न्यायाधीश के रूप में पदभार संभाल लिया था।
पदाधिकारी ने बताया कि न्यायमूर्ति मिश्रा के पदभार संभालने के बाद किसी भी उच्च न्यायालय से कोई ताजा सिफारिश नहीं की गई है। अधिकारी ने कहा कि नई नियुक्तियों के लिए जिन आठ उच्च न्यायालयों से नाम भेजे गए हैं, उनमें झारखंड, कर्नाटक, मद्रास, गुजरात और बंबई उच्च न्यायालय शामिल हैं। इन नामों के अलावा उच्चतम न्यायालय के कोलेजियम को छह उच्च न्यायालयों में मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति पर भी विचार करना है। ये उच्च न्यायालय हैं-आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना, कलकत्ता, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और मणिपुर। इन उच्च न्यायालयों के प्रमुख फिलहाल कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश हैं।
विधि मंत्रालय के, एक सितंबर तक के आंकड़ों के अनुसार, 24 उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की मंजूर संख्या 1079 है। ये अदालतें 666 न्यायाधीशों के साथ चल रही हैं और इनमें 413 रिक्तियां हैं। प्रक्रिया के अनुसार, उच्च न्यायालय का तीन सदस्यों वाला कोलेजियम उच्चतम न्यायालय के कोलेजियम को एक नाम की सिफारिश करता है। यह सिफारिश पहले विधि मंत्रालय को भेजी जाती है, जो कि उम्मीदवारों के रिकॉर्ड के बारे में एक आईबी रिपोर्ट इसके साथ लगाता है और अंतिम मंजूरी के लिए इसे उच्चतम न्यायालय के कोलेजियम के पास भेजता है।