दिल्ली पुलिस ने हिंदू सेना के प्रमुख विष्णु गुप्ता को बीफ की झूठी शिकायत देने के लिए गिरफ्तार कर लिया। उसने शिकायत की थी कि केरल भवन की कैंटीन में बीफ परोसा जा रहा है। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए दिल्ली पुलिस केरल भवन में घुस गई थी, जिसके चलते भारी विवाद खड़ा हो गया था।
वहीं दूसरी ओर, केरल हाउस में समृद्धि रेस्टोरेंट के मेन्यू से दो दिन लापता रहने के बाद बीफ फिर से शामिल हो गया है। हालांकि इस बार मलयाली भाषा की बजाय अंग्रेजी में लिखा गया है कि मांस भैंस का है। केरल हाउस में विवाद के बाद बीफ के नाम पर बिकने वाले भैंस के मीट को मेन्यू से हटा दिया गया था। बाद में केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी के आदेश पर इसे मेन्यू में जोड़ दिया गया। दरअसल, हिन्दू सेना के एक कार्यकर्ता ने फोन पर दिल्ली पुलिस से केरल हाउस में श्बीफश् बेचे जाने की शिकायत की थी। इसके बाद पुलिस वहां जांच के लिए गई थी। मीडिया की सुर्खियों में रहे बीफ विवाद के बाद यहां खाने वालों की भीड़ टूट पड़ी। आने वाले ज्यादातर ग्राहक बीफ प्रेमी थे, लिहाजा डिमांड इतनी ज्यादा रही कि थोड़ी देर में ही सारे आयटम बिक गए। बाद में आए लोगों को चिकन और फिश करी से ही संतोप करना पड़ा।
भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान के अध्यक्ष पद पर गजेंद्र चैहान की नियुक्ति रद्द करने के लिए सरकार को बाध्य करने में असफल रहने पर आंदोलनकारी छात्रों ने आज अपनी हड़ताल एकतरफा रूप से समाप्त कर दी लेकिन साथ ही अपना विरोध जारी रखने की घोषणा की। वहीं 10 जाने-माने फिल्म निर्माताओं ने एफटीआईआई छात्रों के साथ एकजुटता जताते हुए और देश में बढ़ती असहिष्णुता के खिलाफ अपने राष्ट्रीय पुरस्कार लौटा दिये। एफटीआईआई में जारी गतिरोध समाप्त होने पर दिवाकर बनर्जी और आनंद पटवर्धन सहित 10 प्रमुख फिल्म निर्माताओं ने छात्रों के मुद्दों का समाधान करने में सरकार की उदासीनता और असहिष्णुता के माहौल के खिलाफ अपने राष्ट्रीय पुरस्कार लौटाने की मुम्बई में घोषणा की। उन्होंने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा कि फिल्म निर्माताओं के तौर पर हम एफटीआईआई छात्रों के साथ खड़े हुए हैं और इस बात को लेकर प्रतिबद्ध हैं कि विरोध प्रदर्शन का पूरा बोझ केवल उनके ही कंधों पर नहीं पड़े। उन्होंने कहा, हम वह सम्मान लौटाने को विवश हो रहे हैं जो हमें सरकार ने प्रदान किये हैं। हत्याओं में भूमिका निभाने वाली ताकतों से पूछताछ किए बिना मौतों पर संवेदना प्रकट करना, हमारे देश को नुकसान पहुंचा रही बुरी ताकतों को मौन स्वीकार्यता है। बनर्जी और पटवर्धन के अलावा अपने पुरस्कार लौटाने वाले अन्य फिल्मकारों में निशिता जैन, परेश कामदार, कृति नखवा, फिल्म हंटर के निदेशक हषर्वर्धन कुलकर्णी, हरि नायर, राकेश शर्मा, इंद्रनील लाहिड़ी और लिपिका सिंह दराई शामिल हैं।