शिमला, हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और अचानक आयी बाढ़ के कहर के कारण शिमला, मंडी और कुल्लू जिलों में काफी तबाही मची है।
यहां मिली रिपोर्ट के अनुसार बुधवार और गुरुवार की दरमियानी रात घटी इन घटनाओं में एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि हुई है और कम से कम 45 लोग लापता हैं।
शिमला के रामपुर इलाके में गुरुवार तड़के बादल फटने के कारण कई घर, स्कूल और अस्पताल प्रभावित हुए। उपायुक्त अनुपम कश्यप ने बताया कि 19 लोग लापता हैं और तलाश एवं बचाव अभियान जारी है। उन्होंने बताया कि राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और स्पेशल होम गार्ड की टीमें मौके पर पुहंच गयी हैं, हालांकि टूटी सड़कों के कारण घटनास्थल तक पहुंचने में बाधाएं आ रही है।
मंडी के थलातुखोद क्षेत्र में आधी रात को विनाशकारी बादल फटने से मकान ढह गये और सड़क संपर्क बाधित हो गया। नौ लोग लापता हैं और एक शव बरामद किया गया है।
मंडी जिला प्रशासन ने वायुसेना को अलर्ट कर दिया है और एनडीआरएफ से सहायता मांगी है। एसडीआरएफ सहित कई बचाव दल क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद अथक प्रयास कर रहे हैं। उपायुक्त अपूर्व देवगन राहत प्रयासों की निगरानी के लिए पैदल ही प्रभावित क्षेत्रों की ओर रवाना हो गये हैं।
कुल्लू में, भारी बारिश के कारण मलाना नाला क्षेत्र को भारी नुकसान हुआ है। मलाना वन और मलाना टू बिजली परियोजनाओं पर भारी असर पड़ा है और पार्वती नदी में जल स्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया है। नदी के किनारे रहने वाले लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने का आग्रह किया गया है।
निरमंड क्षेत्र में पटवार खाना, होटल और दुकानों सहित 8-10 भवन बह गए। एक परिवार के सात सदस्यों सहित सात से 10 लोग लापता बताये जा रहे हैं। स्थानीय तहसीलदार और बचाव दल तलाशी अभियान चला रहे हैं। कई पुल नष्ट हो गये हैं और सड़कें बंद हैं, जिससे बचाव कार्यों में काफी दिक्कतें आ रही है। खराब मौसम के कारण प्रभावित क्षेत्रों में सभी शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिये गये हैं।