हिमाचल में भारी बारिश, बादल फटने की कई घटनाएं, जनजीवन अस्त-व्यस्त

शिमला, हिमाचल प्रदेश में बुधवार रात को कई बार बादल फटने और भारी बारिश होने के कारण कई जिलों में अचानक आयी बाढ़ और भूस्खलन से व्यापक क्षति हुई है।
पर्वतीय राज्य की अधिकांश नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। कोटखाई के खलतुनाला के पास पहाड़ी पर बादल फटने से भारी मात्रा में मलवा बह कर नीचे आ गया, जिससे छह गाड़ियाँ मलवे के नीचे दब गयीं। साथ ही एक पेट्रॉल पंप भी मलवे के चपेट में आ गया। पेट्रॉल पंप के कर्मचारी हालांकि किसी तरह जान बचाकर निकलने में सफल रहे।रामपुर के गानवी क्षेत्र में बादल फटने से कई घरों में मलवा जमा हो गया और गानवी जलविद्युत परियोजना का पुल टूट जाने से कम से कम दस गाँवों का रास्ता बंद हो गया। साथ ही साथ एक पुलिस चौकी भी इस आपदा के चपेट में आ गई।
कल शाम किन्नौर के पूह में बादल फटने से सतलुज का जलस्तर काफी बढ़ गया, जिसके कारण रामपुर बाजार को खाली करवाना पड़ा। रात भर हुई भारी बारिश के कारण शिमला, कुल्लु, सोलन और सिरमौर क्षेत्रों में भूस्खलन के कारण तीन राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ लगभग 500 सड़कें बंद हो गयीं। कई स्थानों में लगभग 30 गाड़ियाँ मलवे के नीचे दब गईं। कई स्थानों पर यातायात बाधित होने, बिजली, पानी और आवश्यक सामानों की आपूर्ति बाधित होने से स्थिति और गंभीर हो गई।
बचाव और राहत दल को जनजीवन को पटरी पर लाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऊना, कुल्लु, और शिमला जिलों में ऑरेंज और एलो एलर्ट को देखते हुए कई जगहों पर स्कूलों और शैक्षिक संस्थानों को बंद कर दिया गया है।
मौसम विभाग के अनुसार पिछले 24 घंटों में कंडाघाट में सबसे ज़्यादा 100 मिमी बारिश दर्ज की गई, इसके बाद ऊना (85.4 मिमी), सोलन (81.4 मिमी) और शिमला (69 मिमी) का स्थान रहा। चंबा, कांगड़ा और मंडी में भारी से बहुत भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी है, जबकि अन्य ज़िलों में येलो अलर्ट जारी है। अधिकारियों ने लोगों से नदियों और नालों से दूर रहने की अपील की है, क्योंकि जल स्तर लगातार खतरनाक स्तर पर बना हुआ है।