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जेलों को बनायें सुधार गृह, कैदी ओएसिस केंद्र का भरपूर लाभ उठाएं

नई दिल्ली, जेलों को अब सुधार गृह बनाया जाये। यह बात सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कही।

एशिया की सबसे सुरक्षित समझी जाने वाली तिहाड़ जेल में अब कैदियों के अलावा उनसे मिलने आने वालों को भी निशुल्क कानूनी सलाह मिलेगी।

इसके लिए ‘निशुल्क कानूनी सलाह केंद्र’ की स्थापना की गई।

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जिसका उद्घाटन सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजीव खन्ना और दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश धीरूभाई नारनभाई पटेल ने संयुक्त रूप से किया।

इसके साथ ही जेल परिसर में एक ‘ओएसिस-सेंटर’ का उद्घाटन भी किया गया।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने इस मौके पर मौजूद कैदियों को संबोधित करते हुए कहा, जेल को सुधार गृह बनाने की कोशिशें हमेशा होती रहनी चाहिए। इस नजरिए से तिहाड़ जेल में बेहतर काम हो रहा है। इसके बेहतर नतीजे भी सामने हैं। यह प्रक्रिया निरंतर जारी रखने की जरूरत है।

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न्यायमूर्ति खन्ना ने आगे कहा, कैदी ओएसिस केंद्र का भरपूर लाभ उठाएं, ताकि जेल से बाहर जाने पर उन्हें किसी के सहारे की जरूरत ही महसूस न हो। इस सेंटर में काम सीख लेने से इंसान जेल से बाहर जाकर खुद को अपने पैरों पर खड़ा जब पाएगा तो उसे जेल के इस केंद्र में सीखी गई तकनीक और बातों की कीमत का अहसास होगा।

न्यायमूर्ति धीरुभाई नारन पटेल ने इस मौके पर कहा, जेल में निशुल्क कानूनी सलाह केंद्र की स्थापना अपने आप में अनूठा प्रयास है। कैदी और उनके परिजनों दोनों के लिए यह बेहद मददगार साबित होगा। साथ ही इस कानूनी सलाह केंद्र से कानूनी प्रक्रिया में भी तेजी आने की उम्मीद करता हूं। यह कानूनी सलाह केंद्र उन कैदियों के लिए बेहद लाभकारी साबित होगा, जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होती है।

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तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने जेल नंबर 4 में शुरू हुए लीगल सर्विस क्लिनिक के बारे में कहा, दिल्ली स्टेट लीगल सर्विस और तिहाड़ जेल प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से यह शुरुआत हो सकी है। इसकी जरूरत भी बहुत थी। इस क्लिनिक का सबसे बड़ा फायदा उन कैदियों और उनके परिजनों को होगा, जिन्हें निशुल्क कानूनी सहायता नहीं मिल पाती है।

लीगल सर्विस क्लिनिक सोमवार से शुक्रवार तक कार्यालय वक्त में संचालित होगा।

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उल्लेखनीय है कि अबतक जेल के अंदर बंद कैदियों को ही निशुल्क कानूनी सलाह का इंतजाम था। पहले से स्थापित एक लीगल क्लिनिक जेल नंबर-3 में है।

गोयल ने ओएसिस केंद्र के बारे में बताया कि इसके जरिए यहां बंद कैदियों का मानसिक, शैक्षणिक, सामाजिक, बौद्धिक स्तर बेहतर बनाने में जेल प्रशासन उनकी मदद कर सकेगा। इस केंद्र में कम्प्यूर की स्मार्ट क्लास भी लगाई जाएगी।

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उन्होंने बताया कि इस ओएसिस सेंटर में एयर कंडीशनर, फ्रीज, एलईडी लाइट्स के काम भी सिखाए जाएंगे, ताकि जेल से बाहर पहुंचने पर इंसान खुद को अकेला या बेसहारा महसूस न करे।

इस मौके पर मौजूद दिल्ली स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी के सदस्य सचिव कंवलजीत अरोड़ा ने कहा, लीगल सर्विस अथॉरिटी का काम सबको निशुल्क कानूनी मदद देने का है। तिहाड़ में यह तभी संभव हो सका, जब जेल प्रशासन ने भी इसमें कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग दिया।

तिहाड़ जेल में बुधवार को आयोजित इस उद्घाटन कार्यक्रम में दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी.एस. सिस्तानी, न्यायमूर्ति डॉ. एस. मुरलीधर भी मौजूद थे।