यूपी सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि डायल 100 सर्विस नए तरीके से काम करेगा। समाजवादी एंबुलेंस की तरह डायल 100 भी लोगों तक बहुत कम समय में पहुंचेगी। डायल 100 पर काफी सुझाव मिले हैं। यूपी वासियों को इमरजेंसी में बेहतर सेवा देने का अखिलेश सरकार का सपना साकार होने जा रहा है। शनिवार को सीएम ने राजधानी के गोमतीनगर एक्सटेंशन में डायल 100 कंट्रोल रूम की आधारशिला रखी। 2 हजार 300 करोड़ से भी ज्यादा लागत वाले इस प्रोजेक्ट के लागू हो जाने के बाद प्रदेश भर के ग्रामीण हो शहरी क्षेत्र, सभी जगह 10 मिनट के अंदर पुलिस पहुंचेगी। इससे एक तरफ जहां अपराध को रोका जा सकेगा। वहीं, दूसरी तरफ पीड़ितों की आपात स्थिति में बेहतर मदद की जा सकेगी।
अखिलेश यादव ने कहा कि अनुभवों के आधार पर नया प्रयोग हो रहा है। पुलिस के लिए चुनौतियां बहुत हैं। गाड़ियों की व्यवस्था होनी चाहिए। पुलिस को अच्छी ट्रेनिंग की जरूरत है। ट्रेनिंग अच्छी होगी तो काम अच्छा होगा। इसलिए पुलिस भर्ती परीक्षा को आसान बनाया गया है। पुलिस के लिए और इंतजाम करने होंगे। थानों को बेहतर बनाया गया। सपा सरकार ने सबसे ज्यादा प्रमोशन किए। हमारी सरकार यूपी के डेवलपमेंट पर लगातार काम कर रही है। जितने काम हमने किए हैं, उतने किसी दूसरे राज्य में नहीं हुए। इसके बाद भी विरोधी हर काम की आलोचना करते हैं। हमने लैपटॉप बांटा, तो उन्होंने इसे झुनझुना करार दिया।
इस परियोजना की कुल लागत 2325.33 करोड़ रुपए होगी। लखनऊ, कानपुर नगर, इलाहाबाद और गाजियाबाद में स्थापित मॉडर्न कंट्रोल रूम की सेवाओं को देखते हुए सरकार ने इस योजना को लागू करने की योजना बनाई है। इसके लिए प्रदेश स्तरीय पुलिस इमरजेंसी प्रबंधन प्रणाली (पीईएमएस) डायल ‘100’ परियोजना लागू की जा रही है। इस परियोजना के लिए लखनऊ में एक केंद्रीय मास्टर को-आर्डिनेशन सेंटर स्थापित किया जाएगा। जिसकी आधारशिला सीएम ने शनिवार को रखी है। इससे पूरे प्रदेश पर नजर रखने के साथ-साथ जरूरी दिशा-निर्देश दिए जा सकेंगे।मेन सेंटर के अलावा दो सब सेंटर भी बनेंगे. लखनऊ में स्थापित किए जा रहे डायल 100 कंट्रोल रूम की तरह आगरा और वाराणसी में दो सब सेंटर लगाए जाएंगे। ये सब सेंटर मेन कंट्रोल रूम के ऑप्शन के रूप में काम करेंगे।आगरा और वाराणसी के सब सेंटर की क्षमता मेन कंट्रोल रूम की 15 फीसदी होगी। लखनऊ सेंटर की सेवाओं में किसी तरह की रूकावट होने की स्थिति में या लिमिट से ज्यादा टेलीफोन कॉल होने की स्थिति में ये सेंटर 24 घंटे खुद काम करेंगे।