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स्टील खपत में प्रति व्यक्ति 100 प्रतिशत की बढोतरी

नयी दिल्ली , देश में स्टेनलेस स्टील के प्रति व्यक्ति खपत आठ साल में शत प्रतिशत से अधिक बढ़कर 2019 में 2.5 किलो प्रति व्यक्ति पर पहुंच गयी जो वर्ष 2010 में 1.2 किलोग्राम प्रति व्यक्ति थी।

इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने इंडियन स्टेनलेस स्टील डेवलपमेंट एसोसिएशन ;आईएसएसडीएद्ध की स्थापना की 30वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित समारोह के उद्घाटन के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस तरह अब भारत प्रति व्यक्ति स्टेनलेस स्टील खपत के लिहाज़ से विश्व के शीर्ष 15 देशों में शामिल हो गया है।

आईएसएसडीए के नेतृत्व में घरेलू स्टेनलेस स्टील उद्योग के सहयोगात्मक प्रयास और इस्पात मंत्रालय की उद्योग समर्थक नीतियों की मदद से यह मील का पत्थर हासिल करना संभव हुआ। वास्तुशिल्पए भवन एवं निर्माण ;एबीसीद्धए वाहनए रेलवे एवं परिवहन ;एआरटीद्धए प्रसंकरण उद्योग एवं घरेलू उपयोग के उपकरण और रसोई के बर्तन आदि जैसे विभिन्न खंडों में स्टेनलेस स्टील की मांग बढ़ने के कारण प्रति व्यक्ति खपत में बढ़ोतरी संभव हुई।

श्री कुलस्ते ने कहा कि भारत के लिए 2ण्5किलो प्रति व्यक्ति खपत के उपभोग स्तर तक पहुंचना गर्व की बात है। भारत में स्टेनलेस स्टील की मांग की वृद्धि दर 6 से7 प्रतिशत वार्षिक हैए जो दुनिया में सबसे अधिक भी है क्योंकि स्टेनलेस स्टील की मांग सीधे आर्थिक विकास से जुड़ी है। स्टेनलेस स्टील से न केवल जीवन चक्र लागत कम होती हैए बल्कि जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार होता है।

आईएसएसडीए के अध्यक्ष के के पाहुजा ने कहा कि भारतीय स्टेनलेस स्टील उद्योग के लिए दिशा निर्देशक के तौर पर आईएसएसडीए अपनी स्थापना के समय से ही विभिन्न उद्योगों में स्टेनलेस स्टील के नए उपयोग किस्म के उपयोग को प्रोत्साहन दे रहा है। बहुत कम समय में ही 2ण्5 किलो प्रति व्यक्ति खपत का स्तर प्राप्त करने के साथ भारत एक ऐतहासिक मोड़ पर पहुँच गया है और उन देशों की कतार में शामिल हो गया है जहाँ स्टेनलेस स्टील की खपत अधिक है। भारत स्टेनलेस स्टील के लिए सबसे अधिक तेज़ी से वृद्धि दर्ज़ करता बाज़ार है। आईएसएसडीए घरेलू उद्योग और सरकार को अपने निरंतर सहयोग के प्रति आभार जताता है ।