हमीरपुर, उत्तर प्रदेश में चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 को और अधिक मजबूत बनाने के लिये अब निजी एनजीओ का पूरी दखलंदाजी समाप्त कर शासन ने अपने हाथ में पूरी जिम्मेदारी ले ली है। अब 1098 नंबर डायल करने के तुरंत बाद नाबालिग पीडि़त बच्चों की सुरक्षा पुलिस व प्रोवेशन विभाग मिलकर करेगे।
इसके लिये हर जिले में कर्मियों की भर्ती व पूरा खाका तैयार कर लिया गया है। जिला प्रोवेशन अधिकारी आर के सिंह ने मंगलवार को बताया कि अभी तक शून्य से 18 वर्ष तक के पीडित बच्चों की सुरक्षा जिला प्रोवेशन विभाग व प्रायवेट एनजीओ मिलकर करते थे जिससे पीड़ितों को तुरंत राहत नही मिल पाती थी,चाहे बाल विवाह हो या बच्चो के साथ मारपीट व बच्चों को जबरन मजदूरी करने का मामला हो।
1098 में काल करने पर संसाधन विहीन जिला प्रोवेशन विभाग प्रायवेट एनजीओ की मदद से बहुत बिलंब से मौके पर पहुचता था तब तक मामला रफा दफा हो जाता था,जिससे लोगो को 1098 नंबर से विश्वास उठता जा रहा था।
शासन ने इस कार्यक्रम की पूरी रुप रेखा ही बदल दी है, अब जब भी चाइल्ड हेल्प लाइन का नंबर डायल किया जायेगा तो तुरंत लखनऊ कंट्रोल रुम सक्रिय हो जायेगा और वहा से मामले को भापते हुये गंभीर मामले में पुलिस 112 नंबर को सक्रिय कर दिया जायेगा। सूनचा मिलते ही पीआरवी पुलिस मौके पर पहुचेगी।
पुलिस मौके पर पहुचने के बाद तुरंत प्रोवेशन विभाग को सूचित करेगी। अभी तक प्रदेश में प्रायवेट एनजीओ कार्य कर रहे थे हमीरपुर में कृति शोध संस्थान व प्रोवेशन विभाग चाइल्ड हेल्पलाइन देख रहे थे। अब इस मामले में एनजीओ को 31 अगस्त से हटा लिया जायेगा। यही नही जिले में कंट्रोल रुम स्थापित किया जायेगा व सेवा प्रदाता के माध्यम से कर्मियों को भर्ती की जायेगी,कंट्रोल रुम में 24 घंटे संचालित रहेगा। दिन में आठ कर्मी व इसके बाद चार चार कर्मी नियुक्त रहेगे। हालाकि महानगरों में प्रत्येक बस स्टेशन,रेलवे स्टेशन व भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर एक विभागीय कर्मी शासन ने नियुक्त करने का फैसला किया है ताकि कोई भी बच्चा भीख मांगते मिले व कोई उत्पीडन करे तो उसे तुरंत 1098 नंबर को सूचित किया जा सके।
जिले स्तर पर एक पोर्टल तैयार किया गया है जिसमे प्रोवेशन विभाग के बाल सरंक्षण अधिकारी गोपाल मिश्रा को लखनऊ में प्रशिक्षित किया जा चुका है। इसके लिये शासन ने पूरी पालिसी तैयार कर ली है।