लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि नैक मानकों के अनुरूप विश्वविद्यालय अपने स्तर में सुधार करें।
श्रीमती पटेल आज राजभवन में नैक मूल्यांकन के लिए महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली का प्रस्तुतीकरण देखा। इस मौके पर उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय नैक मूल्यांकन में अपने स्तर के सुधार के लिए और अधिक प्रयास करें तथा नैक की सर्वोच्च रैंक पर अन्य विश्वविद्यालयों के लिए प्रतिमान स्थापित करने वाला स्तर हासिल करें।
राज्यपाल ने प्रस्तुतीकरण के दौरान कई ऐसे छोटे-छोटे बिन्दुओं पर ध्यान आकर्षित कराया, जहां विश्वविद्यालय अपने प्रयासों से स्तर में सुधार लाकर मूल्यांकन में वृद्धि कर सकते हैं। श्रीमती पटेल के समक्ष महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली ने अपने तीसरे नैक मूल्यांकन के लिए तैयारियांं का प्रस्तुतीकरण दिया।
गौरतलब है कि नैक द्वारा विश्वविद्यालयों के स्तर का मूल्यांकन 75 प्रतिशत डेटा आधारित तथा 25 प्रतिशत विजिट आधारित होता है। इसके लिए समग्र मूल्यांकन की सात श्रेणियां निर्धारित हैं। विश्वविद्यालय ने 2015 में अपने दूसरे नैक मूल्यांकन में ठ श्रेणी तथा उससे पूर्व प्रथम मूल्यांकन में ठ़ श्रेणी प्राप्त की थी जबकि 2015 के मूल्यांकन में नैक द्वारा मूल्यांकन श्रेणी में बदलाव लाकर ठ़ श्रेणी को मूल्यांकन से हटा दिया गया था। उन्होंने विश्वविद्यालय को अपनी श्रेणी में सुधार करने के लिए प्रेरित किया।
कुलाधिपति ने विश्वविद्यालय को उस क्षेत्र में स्थापित इण्डस्ट्रियों-कम्पनियों के सीएसआर फण्ड से विश्वविद्यालय ने इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास में सहभागिता कराने, छोटे स्तर पर महिला उद्यमिता को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम करने, गरीब छात्रों के घर तक सम्पर्क के लिए शिक्षक मेन्टोर को निर्देशित करने, एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ की तर्ज पर व्यवस्थाओं को आनलाइन करने, छा़त्रों को उनके कोर्स से सम्बंधित व्यवहारिक ज्ञान तथा कम्प्यूटर प्रशिक्षण की जानकारी देने, विश्वविद्यालय के म्यूजियम को शिक्षण से जोड़ने,कैम्पस में दिव्यांगों के लिए शत्-प्रतिशत सुविधाएं व्यवस्थित कराने के निर्देश दिए।
बैठक में राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कुलपति से कहा कि वे विद्यार्थियों को जानकारी दें कि विश्वविद्यालय की ‘नैक श्रेणी’ में सुधार होने पर केन्द्र सरकार से योजनाओं के लिए अधिक फण्ड तथा छात्रों के लिए सुविधाओं में विस्तार प्राप्त हो जाता है। उन्होंने इसके लिए शोध छात्र-छात्राओं को भी प्रशासनिक गतिविधियों से जोड़कर विश्वविद्यालय की नैक श्रेणी के सुधार हेतु प्रेरित करने को कहा।
कुलाधिपति ने विश्वविद्यालय को अपनी गतिविधियों को अधिकतम आनलाइन रखने, पुराने डेटा के संकलन को दुरूस्त करने, विद्यार्थियों से तालमेल बेहतर रखने, नवाचार बढ़ाने सम्बन्धी निर्देश दिए। उन्होंने कहा नैक मूल्यांकन के लिए सभी आवश्यक तैयारियां यथा समय पूर्ण कर जी जाएं।
विश्वविद्यालय के साथ नैक प्रस्तुतीकरण की तैयारियों पर इस बैठक में अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता, विशेष कार्याधिकारी (शिक्षा) डा0 पंकज जॉनी, महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली के कुलपति प्रो0 के पी सिंह,चेयरमैन संजय मिश्रा, रजिस्ट्रार डा0 राजीव कुमार, प्रो0 विनय रिषिवाल तथा अन्य सहयोगी उपस्थित थे।