नयी दिल्ली, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज और रायबरेली तथा आजमगढ़ में तीन नए कृषि विज्ञान केन्द्र खोले जाएंगे ।
श्री तोमर ने कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके), दातागंज, बदायूं-2 (उत्तरप्रदेश) के प्रशासनिक भवन का आनलाइन शिलान्यास करने के बाद कहा कि उत्तर प्रदेश में 86 केवीके हैं, जो अच्छा काम कर रहे हैं। इस राज्य में पूर्व में 20 केवीके की स्वीकृति दी गई थी, जिनमें से 17 खोले जा चुके हैं। शेष केवीके प्रयागराज, रायबरेली और आजमगढ़ शीघ्र खुल जाएंगे। एक केवीके मुरादाबाद में प्रस्तावित है।
इस अवसर पर श्री तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के साथ छलावा नहीं होने देगी, इसीलिए नए अध्यादेश के माध्यम से कानूनी प्रावधान किए गए हैं। अब किसानों को उनकी उपज के मूल्य की गारंटी पहले से सुनिश्चित होगी। श्री तोमर ने कहा कि श्रमिकों को रोजगार देने के लिए केंद्र सरकार ने गरीब कल्याण रोजगार योजना प्रारंभ की है, वहीं उत्तरप्रदेश सरकार ने भी अपने स्तर पर लाखों रोजगार देने का व्यापक अभियान चलाया है, जो सराहनीय है।
श्री तोमर ने कृषि और अन्य क्षेत्रों में हो रहे निरंतर विकास का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार छोटे तबके के प्रति भी संवेदनशील है, जिसका उदाहरण है कि पिछले दिनों प्रवासी मजदूरों के आवागमन सहित अन्य विषयों को यूपी सरकार ने गंभीरता से लिया और बेहतर रणनीति बनाकर सफलतापूर्वक काम किया। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना को छह राज्यों के 116 जिलों में लागू कर रोजगार देने के लिए ठोस कदम उठाया हैं ।
श्री तोमर ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में नए सुधार हुए हैं। दो नए अध्यादेश लाए गए हैं। कानूनी बदलावों के कारण किसान अब अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकते हैं, उन पर किसी की कोई पाबंदी नहीं है। कृषि के क्षेत्र में इससे क्रांतिकारी बदलाव होगा। मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं के करारों के लिए किसानों का सशक्तिकरण और संरक्षण अध्यादेश- 2020 लाए जाने से अब किसानों को पहले से ही अपनी उपज के मूल्य की गारंटी मिल सकेगी। फसल खरीदने के करार के साथ ही, हर परिस्थिति में व्यापारियों को किसानों के उत्पादों का न्यूनतम मूल्य का भुगतान करना ही पड़ेगा। किसानों के साथ किसी भी तरह का छलावा नहीं हो सकें, यह सुनिश्चित करने की कोशिश केंद्र सरकार ने अध्यादेश के माध्यम से की है।
कृषि मंत्री ने कहा कि देश में 86 प्रतिशत छोटे और सीमांत किसान है, जिन तक सभी सरकारी सुविधाओं, योजनाओं एवं कार्यक्रमों की पहुंच होनी चाहिए।
कार्यक्रम में बताया गया कि देश में 720 केवीके हैं और 151 क्लाइमेट स्मार्ट विलेज बनाए गए हैं, जो विभिन्न परिस्थितियों के लिए तकनीकी माडल प्रस्तुत कर रहे हैं। केवीके द्वारा हर साल लगभग 15 लाख किसानों और युवाओं को प्रशिक्षण देने का काम भी किया जा रहा हैं।