नई दिल्ली, पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि देश 1947 के बाद अब कोई और बंटवारा नहीं झेल सकता। वे यहां एक परिचर्चा में बोल रहे थे। इस परिचर्चा का विषय था कश्मीर क्यों जल रहा है? खुर्शीद ने कहा कि भारत कोई एक भूखंड कम और एक संकल्पना ज्यादा है।
इस संकल्पना में जम्मू-कश्मीर अनिवार्य रूप से शामिल है। जम्मू-कश्मीर के बिना भारत का मतलब यह है कि हमें भारत को किसी स्वरूप में फिर से परिभाषित करना होगा। परंतु अगर कश्मीर अलग कर दिया जाए तो भारत की संकल्पना अधूरी होगी।
रॉ के पूर्व प्रमुख एसएस दुलत ने खुर्शीद से सहमति जताई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस के भाषण का हवाला दिया जिसमें मोदी ने कहा था कि कश्मीर समस्या का समाधान गाली और गोली से नहीं, बल्कि वहां के लोगों को गले लगाने से होगा। दुलत ने कश्मीरी उप राष्ट्रवाद की संकल्पना को लेकर भी आगाह किया।