नई दिल्ली, जनमत संग्रह में जीत हासिल करने के बाद पहले से ताकतवर बने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन इस महीने के अंत में अपनी भारत यात्रा के जरिए एक नई विदेश नीति की शुरुआत करेंगे। हुर्रियत डेली न्यूज की रपट के मुताबिक, एर्दोगन के साथ तुर्की के वित्तमंत्री भी 30 अप्रैल को भारत आएंगे। इस रपट में कहा गया है, इस यात्रा का मुख्य एजेंडा द्विपक्षीय आर्थिक और व्यापारिक सहयोग को बढ़ावा देना है।
एर्दोगन ने भारत की पिछली यात्रा 2008 में की थी, जब वे प्रधानमंत्री थे। सीरिया संकट के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी वार्ता काफी महत्वपूर्ण हो सकती है, जिसमें शरणार्थी समस्या और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह की सदस्यता के लिए भारत का समर्थन शामिल है। भारत के बाद एर्दोगन तीन मई को सोची जाएंगे, जहां वह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलेंगे। एर्दोगन की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से पहली मुलाकात संभवतः) मई के दूसरे हफ्ते में होगी। तुर्की के राष्ट्रपति इसके अलावा चीन की भी यात्रा करेंगे, जहां वह 14 और 15 मई को बेल्ट एंड रोड फोरम में भाग लेंगे। यहा उनकी मुलाकात पुतिन समेत अन्य क्षेत्रीय नेताओं से होगी। वह 25 मई को ब्रसेल्स में नाटो सम्मेलन में भाग लेंगे।