नई दिल्ली, प्रो रेसलिंग लीग के सीजन-2 में कुल 18 मैचों में 1102 अंक बने। इस दौरान 10 खिलाड़ी चित हुए जबकि 15 खिलाड़ी तकनीकी फॉल के शिकार हुए। ओलम्पिक में कांस्य जीतने वाली साक्षी मलिक सहित कुल नौ खिलाड़ियों को एक भी मुकाबले में हार का मुंह नहीं देखना पड़ा। प्रो स्पोटीर्फाई के संस्थापक और प्रमोटर कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि केवल 18 दिन में 25 मुकाबलों का फैसला चितपट और तकनीकी फॉल से होना यही जाहिर करता है कि सीजन-2 में पहलवानों में आक्रामकता काफी बढ़ी है। कुश्ती पहले से ज्यादा तेज हो गई है। उन्हें खुशी है कि भारतीय पहलवानों को दुनिया के चोटी के पहलवानों का सामना करने का मौका मिला है जो भविष्य की प्रतियोगिताओं में उनके काम आएगा।
प्रो रेसलिंग लीग के सीजन-2 का खिताब एनसीआर पंजाब रॉयल्स ने हरियाणा हैमर्स को 5-4 से हराकर अपने नाम किया और हरियाणा की टीम लगातार दूसरे वर्ष फाइनल में पहुंचकर भी खिताब नहीं जीत पाई। इस लीग में सबसे बड़ा स्कोर मुम्बई और पंजाब के बीच खेले गए सेमीफाइनल में देखने को मिला जिसमें कुल 114 अंक बने, जिसमें तीन तकनीकी फॉल से हुए फैसले भी शामिल हैं। वहीं हरियाणा और पंजाब के बीच खेले गए फाइनल में लीग का दूसरा सबसे बड़ा स्कोर (83) बना। दिल्ली-मुम्बई के बीच खेला गया मुकाबला सबसे कम स्कोरिंग (33) का मुकाबला रहा लेकिन इस मुकाबले में दो खिलाड़ी चित हुए। हरियाणा और जयपुर के बीच खेले गए मुकाबले में दो खिलाड़ी चित हुए और एक खिलाड़ी तकनीकी फॉल से जीता।
जहां तक वैयक्तिक प्रदर्शन का सवाल है, ओडुनायो ने सबसे ज्यादा चार मुकाबले तकनीकी फॉल से जीते जबकि पूर्व वल्र्ड चैम्पियन अब्दुसलाम गाडिसोवए रियो में कांस्य पदक जीतने वाली मारिया स्टैडनिक और गैब्रिएल हसानोव ने दो-दो मुकाबलों में तकनीकी फॉल किए। रियो ओलम्पिक की पदक विजेता ट्यूनीशिया की मारवा अमरी ने सबसे ज्यादा तीन मुकाबलों में अपने विपक्षियों को चित किया। उनके बाद हरियाणा की ओर से खेलीं स्वीडन की सोफिया मैटसन दो खिलाड़ियों को चित करके दूसरे स्थान पर रहीं। सोफिया विश्व चैम्पियनशिप की रजत और रियो ओलम्पिक की कांस्य पदक विजेता हैं। यहां चितपट मुकाबले के अंकों को नहीं जोड़ा गया है। मारवा अमरी विश्व चैम्पियन मैगमद कुबार्नालिऊ और अब्दुसलाम गाडिसोव (तीनों हरियाणा), इलियास बेकबुलातोव (पंजाब), एरिका वीबए गैब्रिएल हसानोव (दोनों मुम्बई), मारिया स्टैडनिक और साक्षी मलिक (दोनों दिल्ली), एलिजबार ओदिकाद्जे (जयपुर) को एक भी मुकाबले में हार का मुंह नहीं देखना पड़ा।